भारत में पर्यावरण के सुधार को लेकर सभी सेक्टर पर कार्य किया जा रहा है] सीएसआर की भागीदारी से इन सेक्टर में सुधार को एक नई राह मिली है] सुधार जमीनी तौर पर समग्र सहभागिता के साथ नजर आ रहा है। जल संरक्षण हो, जैव विविधता हो या फिर अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य की बात हो तो टाटा पावर ने इन क्षेत्रों में प्रमुख कार्य किया है। इसे निश्चित ही सुधार की एक प्रेरणादायी पहल कहा जाएगा।
जल संरक्षण, जैव विविधता और अक्षय ऊर्जा की दिशा में प्रभावशाली कार्य
भारत की अग्रणी ऊर्जा कंपनियों में से एक, टाटा पावर न केवल ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी है, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में भी अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी (CSR) के माध्यम से मिसाल कायम कर रही है। कंपनी के CSR कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य है – *जल संरक्षण, वनीकरण, जैव विविधता का संरक्षण और अक्षय ऊर्जा का प्रोत्साहन*।
टाटा पावर की उल्लेखनीय CSR परियोजनाएँ-अक्षय ऊर्जा
*Act for Mahseer*: यह परियोजना संकटग्रस्त मछली प्रजाति ‘महसीर’ के संरक्षण हेतु चलाई जा रही है। टाटा पावर इस मछली के प्रजनन, संरक्षण और इसके प्राकृतिक आवास की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
*वनरोपण कार्यक्रम* : महाराष्ट्र और झारखंड में टाटा पावर द्वारा बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जा रहा है। यह पहल स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्स्थापित करने, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और हरित आवरण को बढ़ाने में सहायक है।
*जल संरक्षण और हार्वेस्टिंग परियोजनाएँ*: सूखा-प्रभावित क्षेत्रों में जल संचयन (Water Harvesting) की आधुनिक तकनीकों को अपनाकर टाटा पावर ने हजारों ग्रामीणों को जल संकट से राहत दिलाई है। इससे किसानों की आजीविका में स्थिरता आई है।
*अक्षय ऊर्जा का विस्तार* : टाटा पावर ने भारत में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित किया है, जो पर्यावरण के लिए लाभकारी हैं और दीर्घकालिक ऊर्जा समाधान प्रदान करते हैं।
CSR गतिविधियाँ – NGOs और समाज के लिए लाभकारी कैसे?
टाटा पावर की CSR पहलों से न केवल पर्यावरण को लाभ मिलता है, बल्कि इससे NGOs और समाज को भी बहुआयामी लाभ मिलते हैं:
– ✅ **स्थानीय NGOs को फंडिंग और संसाधनों में सहयोग** प्राप्त होता है।
– ✅ **जनजातीय और ग्रामीण समुदायों को आजीविका के अवसर** मिलते हैं।
– ✅ **प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण** होता है जिससे भावी पीढ़ियों को लाभ होता है।
– ✅ **NGOs की विश्वसनीयता और कार्यक्षमता** CSR सहयोग से और मजबूत होती है।
– ✅ **सामाजिक और पर्यावरणीय बदलाव की कहानियाँ** प्रेरणा का स्रोत बनती हैं।
टाटा पावर की CSR रणनीति ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब कोई कॉर्पोरेट संस्था समाज और प्रकृति के साथ जुड़कर कार्य करती है, तो वह न केवल पर्यावरण को सशक्त बनाती है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी मजबूत करती है। चाहे बात जल संरक्षण की हो या जैव विविधता की, टाटा पावर सतत विकास की दिशा में एक प्रेरणास्त्रोत है।
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बालादत्त शर्मा, मैनेजिंग एडिटर, प्रकृति दर्शन, पत्रिका
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