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बाघ (Tiger

बाघ (Tiger): वैश्विक स्थिति, संकट, संरक्षण और जैव विविधता में भूमिका

सारांश (Abstract)

बाघ (Tiger) न केवल भारत का राष्ट्रीय पशु है, बल्कि पूरी दुनिया में वन्य जीवन के संतुलन और जैव विविधता के लिए एक प्रमुख प्रतीक भी है। यह लेख बाघ की वर्तमान वैश्विक स्थिति, बचे हुए आंकड़ों, संकटग्रस्त देशों, संरक्षण प्रयासों और जैव विविधता में इसके योगदान को विस्तार से प्रस्तुत करता है। साथ ही यह भी बताया गया है कि बाघ का अस्तित्व मानव सभ्यता और पारिस्थितिकी के लिए क्यों अनिवार्य है।

1. बाघ (Tiger): एक परिचय

बाघ (Tiger) दुनिया की सबसे बड़ी बिल्ली प्रजाति है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में Panthera tigris कहा जाता है। इसका शरीर शक्तिशाली होता है, धारीदार कोट, तेज़ दृष्टि और शिकार की अद्भुत क्षमता इसे जंगल का राजा बनाती है। बाघ मुख्यतः एकांतप्रिय होता है और बड़े क्षेत्रफल में निवास करता है।

2. बाघ की वैश्विक स्थिति (Global Status of Tiger)

वर्तमान में, बाघ (Tiger) की नौ उपप्रजातियाँ ज्ञात हैं, जिनमें से तीन विलुप्त हो चुकी हैं – बाली टाइगर, कैस्पियन टाइगर और जावन टाइगर। बाकी की छह उपप्रजातियाँ अब संकटग्रस्त श्रेणी में आती हैं।

कितने बाघ शेष हैं? (How Many Tigers Are Left?)

2022 के अनुसार, दुनिया में जंगली बाघों की अनुमानित संख्या लगभग 5,574 है, जो 2010 में 3,200 थी। यह वृद्धि संरक्षण प्रयासों का सकारात्मक संकेत है, लेकिन अभी भी यह संख्या स्थिर नहीं मानी जाती।

3. सबसे अधिक बाघ कहां पाए जाते हैं? (Which Country Has the Most Tigers?)

भारत (India) – बाघों की राजधानी

भारत में बाघ (Tiger) की सबसे अधिक आबादी है। 2022 की बाघ गणना (Tiger Census) के अनुसार, भारत में लगभग 3,167 बाघ हैं, जो विश्व की कुल बाघ आबादी का लगभग 75% है।

प्रमुख राज्य जहाँ बाघ पाए जाते हैं:

  • मध्य प्रदेश
  • कर्नाटक
  • उत्तराखंड
  • महाराष्ट्र
  • तमिलनाडु

प्रमुख टाइगर रिज़र्व:

  • बांधवगढ़
  • कान्हा
  • रणथंभौर
  • सुंदरबन
  • पेरियार

4. किन देशों में स्थिति चिंताजनक है? (Countries Where Tiger Situation is Alarming)

नीचे कुछ ऐसे देश हैं जहाँ बाघों की संख्या बेहद कम है या वे विलुप्ति की कगार पर हैं:

देशस्थिति
कंबोडिया2007 के बाद से जंगली बाघ नहीं देखे गए।
लाओस और वियतनामबाघ लगभग विलुप्त हो चुके हैं।
इंडोनेशियासुमात्रा टाइगर संकट में है।
म्यांमारअवैध शिकार और वन कटाई से बाघों की संख्या तेजी से घटी है।

5. बाघ संकट के प्रमुख कारण (Major Threats to Tigers)

1. अवैध शिकार (Poaching)

बाघ की खाल, हड्डियाँ और अन्य अंगों की अंतरराष्ट्रीय तस्करी होती है।

2. आवास की क्षति (Habitat Loss)

जंगलों की कटाई, कृषि विस्तार और शहरीकरण बाघों के आवास को सीमित कर रहे हैं।

3. मानव-बाघ संघर्ष (Human-Tiger Conflict)

मानव बस्तियों के नज़दीक बाघों का आना संघर्ष और बाघ की हत्या का कारण बनता है।

4. जलवायु परिवर्तन (Climate Change)

विशेष रूप से सुंदरबन जैसे क्षेत्रों में समुद्र स्तर में वृद्धि से बाघों का प्राकृतिक आवास संकट में है।

6. संरक्षण के प्रयास (Conservation Efforts)

भारत की पहलें

1973 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रमुख योजना- Project Tiger :

बाघ संरक्षण के लिए बनाई गई सरकारी संस्था- NTCA (National Tiger Conservation Authority )

CAMPA फंड: पुनः वनीकरण और टाइगर रिज़र्व के विकास के लिए।

टाइगर रिज़र्व्स की स्थापना: 50 से अधिक टाइगर रिज़र्व भारत में सक्रिय हैं।

वैश्विक प्रयास

TX2 Initiative: 13 देशों ने मिलकर 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा।

CITES: अंतरराष्ट्रीय व्यापार को रोकने के लिए बाघ को परिशिष्ट-I में रखा गया है।

7. किन देशों ने बाघ संरक्षण में उदाहरण पेश किए हैं?

1. भारत

भारत को Project Tiger और लगातार जनगणना व संरक्षण ने बाघों के संरक्षण का वैश्विक मॉडल बना दिया है

2. नेपाल

2009 में 121 से बढ़कर 2022 में 355 बाघ – नेपाल ने TX2 लक्ष्य हासिल किया।

3. रूस

सुदूर पूर्वी रूस में सायबेरियन टाइगर की आबादी में स्थिरता लाई गई है।

4. भूटान

जैव विविधता पर आधारित विकास नीतियाँ और पारंपरिक मान्यताओं ने संरक्षण में सहायता की है।

8. बाघ (Tiger) केवल शिकारी नहीं, पारिस्थितिकी के संरक्षक हैं

जब हम बाघ (Tiger) की बात करते हैं, तो अधिकतर लोग इसे केवल एक शक्तिशाली शिकारी के रूप में देखते हैं। लेकिन बाघ केवल जंगल का राजा नहीं, बल्कि संपूर्ण जैव विविधता (Biodiversity) का संतुलन बनाए रखने वाला प्रमुख स्तंभ है। बाघ का होना किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य और स्थायित्व का संकेत होता है। आइए समझते हैं कि बाघ जैव विविधता के लिए कैसे और क्यों आवश्यक हैं।

1. बाघ एक शीर्ष शिकारी (Apex Predator) होते हैं

बाघ (Tiger) पारिस्थितिकी तंत्र में शीर्ष शिकारी की भूमिका निभाते हैं, जिसका अर्थ है कि वे भोजन श्रृंखला (Food Chain) के शीर्ष पर होते हैं। इसका प्रभाव पूरे पारिस्थितिकी पर पड़ता है।

वे शाकाहारी जानवरों जैसे हिरण, जंगली सूअर आदि की आबादी को संतुलित रखते हैं।

यदि बाघ न हों, तो शाकाहारी जीवों की संख्या असंतुलित होकर वनस्पति को नष्ट कर सकती है, जिससे पूरे जंगल की जैव विविधता पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

बाघ की उपस्थिति पूरे पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता की पहचान है।

2. स्वस्थ जंगल और जल स्रोतों का संकेतक

जहां बाघ (Tiger) होते हैं, वहां घने जंगल, पर्याप्त जल स्रोत और विविध वन्यजीव भी मौजूद होते हैं।

बाघों के संरक्षण के लिए जिन जंगलों की रक्षा की जाती है, वे पूरे क्षेत्र की जलवायु, जल संसाधन और जैव विविधता को संरक्षित रखते हैं।

बाघ की मौजूदगी यह दर्शाती है कि जंगल प्रदूषण मुक्त, जल-समृद्ध और जैविक रूप से सक्रिय है।

बाघ का रहना किसी भी जंगल के स्वास्थ्य और जैव विविधता की पुष्टि करता है।

3. सहजीविता और पारिस्थितिक संबंधों की रक्षा

बाघ (Tiger) कई अन्य प्रजातियों की रक्षा में अप्रत्यक्ष भूमिका निभाते हैं।

जब बाघ के आवासों को सुरक्षित रखा जाता है, तो उन क्षेत्रों में पाए जाने वाले अन्य स्तनधारी, पक्षी, सरीसृप और पौधों की प्रजातियाँ भी संरक्षित रहती हैं।

बाघ के लिए संरक्षित क्षेत्र वास्तव में कई अन्य जीवों के लिए सुरक्षित आवास बन जाते हैं।

बाघ की रक्षा करना, सैकड़ों अन्य प्रजातियों की रक्षा करना है।

4. जैव विविधता में संतुलन और अनुवांशिक विविधता

बाघ (Tiger) शिकार करते समय केवल कमजोर और बीमार जानवरों को चुनते हैं, जिससे प्रजातियों में अनुवांशिक गुणवत्ता बनी रहती है।

इससे पशु प्रजातियाँ अधिक मजबूत और टिकाऊ बनती हैं।

बाघ का शिकार व्यवहार जैव विविधता में अनुवांशिक संतुलन बनाए रखता है।

5. जलवायु नियंत्रण और पर्यावरणीय स्थिरता

बाघ संरक्षण के चलते जंगलों की रक्षा होती है, और जंगल कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करते हैं।

जंगलों में पेड़-पौधों की विविधता बनी रहती है।

वनस्पति वृद्धि से वर्षा चक्र नियंत्रित होता है।

बाघ की उपस्थिति से पर्यावरणीय संतुलन और जलवायु नियंत्रण सुनिश्चित होता है।

6. आर्थिक और सामाजिक लाभ

बाघ (Tiger) आधारित ईको-टूरिज्म से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है।

जब स्थानीय समुदाय को आर्थिक लाभ मिलता है, तो वे जंगल और बाघ की रक्षा में सहयोग करते हैं।

ईको-टूरिज्म से स्थानीय समाज को आर्थिक मजबूती मिलती है।

बाघ नहीं, तो जैव विविधता नहीं

बाघ (Tiger) केवल एक जीव नहीं, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र की जीवनरेखा है। उनका अस्तित्व पृथ्वी पर जैव विविधता को स्थिर, समृद्ध और जीवंत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। बाघ का संरक्षण करना केवल एक प्रजाति की रक्षा नहीं, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना है।

यदि बाघ सुरक्षित हैं, तो प्रकृति सुरक्षित है – और यही मानवता के लिए सर्वोपरि है।

9. हमारा अस्तित्व बाघ के साथ क्यों जुड़ा है?

पारिस्थितिकी संतुलन: बाघ के बिना जंगल का संतुलन बिगड़ सकता है।

जल सुरक्षा: बाघ संरक्षित क्षेत्रों में जल स्रोत भी संरक्षित होते हैं।

जलवायु नियंत्रण: स्वस्थ जंगल कार्बन अवशोषित कर जलवायु परिवर्तन को धीमा करते हैं।

पर्यटन और रोजगार: टाइगर टूरिज्म स्थानीय रोजगार का बड़ा स्रोत है।

10. निष्कर्ष (Conclusion)

बाघ (Tiger) केवल एक खूबसूरत वन्य प्राणी नहीं है, बल्कि यह पूरी पारिस्थितिकी प्रणाली का प्रहरी है। इसका संरक्षण हमारे जंगलों, नदियों, जलवायु और अंततः हमारी पीढ़ियों की सुरक्षा है। यदि हम बाघ को नहीं बचा सके, तो हम खुद को खो देंगे।

FAQs: बाघ (Tiger) से जुड़े सामान्य प्रश्न

प्र.1. दुनिया में सबसे अधिक बाघ किस देश में पाए जाते हैं?
उत्तर: भारत में, लगभग 3,167 बाघों के साथ, सबसे अधिक बाघ पाए जाते हैं।

प्र.2. क्या सभी बाघ संकट में हैं?
उत्तर: हाँ, अधिकांश बाघ उपप्रजातियाँ संकटग्रस्त श्रेणी में आती हैं, विशेष रूप से सुमात्रा और मलायन बाघ।

प्र.3. क्या बाघ इंसानों पर हमला करता है?
उत्तर: आमतौर पर नहीं, लेकिन यदि उसका निवास क्षेत्र प्रभावित होता है या उसे खतरा महसूस होता है तो वह हमला कर सकता है।

प्र.4. क्या बाघ की सभी उपप्रजातियाँ अब भी जीवित हैं?
उत्तर: नहीं, तीन उपप्रजातियाँ पहले ही विलुप्त हो चुकी हैं।

प्र.5. बाघ संरक्षण में मैं क्या योगदान दे सकता हूँ?
उत्तर: जंगलों की रक्षा करें, जागरूकता फैलाएं, संरक्षण संस्थाओं को समर्थन दें और वन्यजीव पर्यटन में नैतिकता बरतें।

संदर्भ (References):

  1. WWF (World Wide Fund for Nature)
    “Why Tigers Matter”
    URL: https://www.worldwildlife.org/species/tiger
    विवरण: यह स्रोत बाघों के पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान और संरक्षण प्रयासों की वैज्ञानिक व्याख्या करता है।
  2. Global Tiger Forum (GTF)
    “Tiger Conservation and Biodiversity”
    URL: https://www.globaltigerforum.org
    विवरण: बाघ संरक्षण पर आधारित अंतरराष्ट्रीय संगठन, जो बाघों की स्थिति और उनके पर्यावरणीय महत्व पर शोध प्रकाशित करता है।
  3. National Geographic – Big Cats Initiative
    URL: https://www.nationalgeographic.com/animals/article/tigers
    विवरण: बाघों के व्यवहार, पारिस्थितिकी, और संरक्षण प्रयासों पर आधारित विस्तृत रिपोर्ट।
  4. Project Tiger, भारत सरकार (MoEFCC)
    URL: https://projecttiger.nic.in
    विवरण: भारत में चल रहे बाघ संरक्षण कार्यक्रम का आधिकारिक पोर्टल, जो बाघों की जैव विविधता में भूमिका को स्पष्ट करता है।
  5. UNEP – United Nations Environment Programme
    “Biodiversity and Predators”
    URL: https://www.unep.org
    विवरण: शीर्ष शिकारी (apex predators) के जैव विविधता पर प्रभाव को दर्शाने वाला वैश्विक स्रोत।
  6. IUCN Red List – Tiger Status
    URL: https://www.iucnredlist.org/species/15955/50659951
    विवरण: बाघ की वैश्विक स्थिति, खतरे और संरक्षण श्रेणी को परिभाषित करने वाला स्रोत।
  7. Wildlife Conservation Society (WCS)
    URL: https://www.wcs.org
    विवरण: बाघ और अन्य वन्यजीवों की जैव विविधता में भूमिका पर आधारित संरक्षण संगठन।

संदर्भ (References)

  1. National Tiger Conservation Authority (NTCA) Reports – https://ntc a.gov.in
  2. WWF Tiger Facts – https://wwf.panda.org
  3. Global Tiger Forum – https://globaltigerforum.org
  4. TX2 Initiative Data
  5. IUCN Red List – Panthera tigris

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