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November 2024 प्रकृति में रंग भरती तितलियां

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January 2023 पधारो म्हारा देश

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Description

गिद्ध- धरा पर सफाईकर्मी, आकाश के राजा

गिद्ध प्रकृति और मानव के बीच रिश्ते और जीवन को संरक्षित बनाए रखने के लिए सेतू का कार्य करते हैं। अमूमन हम गिद्धों को देखना भी पसंद नहीं करते लेकिन हकीकत भी यही है जिन्हें भी हम बेकार और बेकाम मानते हैं वह हमारे सिस्टम में एक बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी लिए होता है और उसकी आवश्यकता हमें इतनी अधिक होती है कि यदि उसे उस सिस्टम से हटा दिया जाए तो पूरा सिस्टम ही अवरुद्व हो जाएगा। गिद्ध बेहद शांत होकर अपने कार्य में जुटे रहते हैं, इस प्रकृति में उन्हें सफाईकर्मी की भूमिका सौंपी गई है और वे सदियों से उसी का निर्वहन करते आ रहे हैं, सोचिएगा कि यदि प्रकृति के ये सफाई कर्मी यदि हमारे बीच हमेशा के लिए हट जाएं तब क्या होगा, तब एक प्रकृति का यह सिस्टम पूरी तरह से चोक हो जाएगा।
बेशक गिद्धों की प्रकृति और प्रवृत्ति अलैदा है लेकिन हमें उनके लिए मानवीय होकर सोचना होगा। हमने पर्यावरण को हर स्तर पर नुकसान पहुंचाया है, हवा से लेकर आसमान तक सभी दूर पर्यावरण प्रभावित हुआ है। हम पक्षियों के लिए अनुकूल माहौल बनाने रखने में भी अक्षम साबित हो रहे हैं क्योंकि हकीकत यह है कि प्रकृति को हम केवल उपभोग तक ही समझते और परखते आए हैं, हकीकत तो यह है कि प्रकृति में हर तत्व, हर जीव, हर पक्षी, हर वनस्पति, वायु, अग्नि, जल, मिटटी और यहां तक की रेंगने वाले कीटों को भी महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है। इसी तरह गिद्धांं को कार्य दिया गया कि वे मरे हुए जानवरों का सफाया कर प्रकृति, पर्यावरण के सिस्टम को बचाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगे और गिद्ध यह कार्य बखूबी करते आ रहे हैं। सोचिएगा कि गिद्ध नहीं हैं और उन्हीं की तरह उन्हीं की प्रवृत्ति वाले पक्षी भी यदि शेष नहीं रहते हैं तब हमारी धरती उन मरे हुए जानवरों और जीवों के शरीरों का क्या करेगी, कैसे यह धरती उन जीवों के शरीरों का निपटान कर पाएगी और क्या होगा हमारे मानव जीवन का जिनका मिटना ऐसी स्थिति में तय है। यह सब बहुत मुश्किल है क्योंकि यह कार्य प्रकृति ने जिन्हें सौंपा है वही करें तो कोई दिक्कत नहीं है, हम देख रहे हैं कि गिद्ध अपना कार्य समय से कर दिया करते हैं किसी को कुछ भी सोचने की आवश्यकता नहीं है।
आखिर क्यों हम हर उस जरुरी तत्व, जरुरी जीव, जरुरी पक्षी, जरुरी सिस्टम के हिस्से को तहस नहस करना चाहते हैं यह जानते हुए भी की कि उनके बिना हमारा जीवन और हमारा भविष्य पूरी तरह खतरे में चला जाएगा ? खुशी की बात है कि कुछ साल पहले तक हम गिद्धों को लेकर गहरी चिंता की स्थिति में पहुंच गए थे लेकिन बीते कुछ सालों में गिद्धों के संरक्षण और संवर्धन पर कार्य किया जा रहा है, देश और दुनिया के कुछ हिस्सों में गिद्धों के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध करवाया जा रहा है, खुशी है कि उस संकट की ओर बढ़ने से पहले ठहर गए और सुधार में जुट गए। गिद्ध जमीन पर जरुरी हैं वह यहां सफाई कर्मी की भूमिका निभाते हैं लेकिन वह उस खुले आकाश का एक छत्र राजा हैं। बेहतर है कि हम गिद्धों की शक्ल और कर्म पर कुछ भी धारणा बनाने से पहले यह सच स्वीकार कर लें कि वे हैं तभी हम भी इस दुनिया में हैं, उनके बिना हमारा भी कोई अस्तित्व नहीं है।
बेहद विनम्रता से अनुरोध करना चाहता हूं कि आप गिद्धों को बचाने की मुहिम को समझें और उनके लिए यदि कुछ कर सकते हैं तो अवश्य कीजिएगा।

संदीप कुमार शर्मा, प्रधान संपादक, प्रकृति दर्शन

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