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जैव विविधता Biodiversity क्या है? – प्रकृति की सुंदरता और संतुलन

जैव विविधता क्या है ?

जैव विविधता क्या है इसे इस तरह समझें- धरती की धड़कन, प्रकृति की आत्मा और जीवन का आधार — यही है जैव विविधता Biodiversity। यह केवल पेड़-पौधों और जानवरों की गिनती नहीं है, बल्कि हमारे चारों ओर जीवन की उस अद्भुत विविधता का प्रतिनिधित्व करती है, जो धरती को जीवंत और संतुलित बनाए रखती है।

इस लेख के माध्यम से जानिए:

जैव विविधता क्या है ? जैव विविधता का अर्थ ?

यह हमारे लिए क्यों जरूरी है?

इसे संरक्षित करना आज की सबसे बड़ी प्राथमिकता क्यों है?

जैव विविधता क्या है ? Biodiversity का अर्थ

जैव विविधता दो शब्दों से मिलकर बना है — “जैव” यानी जीवन और “विविधता” यानी विभिन्नता। इसका मतलब है पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधे, सूक्ष्मजीव, जलचर, थलचर और उनके बीच मौजूद पारस्परिक संबंधों की विविधता।

प्रमुख स्तर:

1.         प्रजातियों की विविधता का मतलब हैधरती पर पाए जाने वाले तरह-तरह के जीव-जंतुओं की अलग-अलग प्रजातियाँ।

2.         आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity) का मतलब है – एक ही प्रजाति के जीवों में पाए जाने वाले प्राकृतिक अंतर या भिन्नताएँ।

3.         पारिस्थितिक विविधता (Ecosystem Diversity) – विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्रों की विविधता

महत्व

जैव विविधता पर हमारा जीवन निर्भर है, वह चाहे भोजन हो, औषधियाँ हों या वस्त्र।

हमारी प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए जैव विविधता जरुरी है।

मृदा की यह उर्वरता, जलवायु नियंत्रण और प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करती है।

          यह हमारी संस्कृति, परंपरा और आस्था का भी हिस्सा है।

“जैव विविधता वह पुल है, जो मानव जीवन को प्रकृति से जोड़ता है। इसे बचाना, खुद को बचाना है।”

भारत और जैव विविधता Biodiversity: एक गौरवपूर्ण संबंध

          भारत 17 मेगा-विविध देशों (Mega-diverse Countries) में से एक है।

•          विश्व की कुल जैव विविधता का लगभग 8% भारत में पाया जाता है।

जैव विविधता Biodiversity खतरे: चुनौतियाँ और कारण

1. आक्रामक विदेशी प्रजातियाँ:

बाहरी प्रजातियाँ स्थानीय जैव विविधता को नुकसान पहुँचाती हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो जाता है।

2. जलवायु परिवर्तन:

बदलते मौसम और बढ़ते तापमान से जीवों का आवास प्रभावित होता है, जिससे कई प्रजातियाँ संकट में हैं।

3. मानवीय गतिविधियों का दबाव:

वनों की कटाई, शहरीकरण, खनन और खेती का विस्तार — यह सब जैव विविधता को सीधे तौर पर खतरे में डाल रहे हैं।

संरक्षण के उपाय

1.         वन संरक्षण और पुनःवनरोपण को बढ़ावा देना।

2.         स्थानीय समुदायों को संरक्षण प्रयासों में भागीदार बनाना।

3.         जैव विविधता अधिनियम 2002 का पालन।

4.         प्रकृति-सम्मत जीवनशैली अपनाना।

5.         शिक्षा और जागरूकता को जन-जन तक पहुँचाना।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. Biodiversity क्यों जरूरी है?

यह हमें जीवन के लिए जरूरी संसाधन देती है — जैसे शुद्ध वायु, पानी, भोजन और औषधियाँ।

Q2. क्या जैव विविधता Biodiversity में सिर्फ वन्यजीव आते हैं?

नहीं, इसमें पेड़-पौधे, सूक्ष्मजीव और इंसान द्वारा नियंत्रित जीव भी शामिल हैं।

Q3. जैव विविधता की रक्षा कैसे करें?स्थानीय प्रजातियों को संरक्षित करना, पेड़ लगाना, प्लास्टिक कम उपयोग करना आदि।

संदर्भ (References)

1.         राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA), भारत

2.         UN Convention on Biological Diversity (CBD)

3.         प्रकृति दर्शन पत्रिका (www.prakritidarshan.com)

4.         पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC), भारत सरकार

5.         IPBES रिपोर्ट

निष्कर्ष

जैव विविधता Biodiversity केवल वैज्ञानिक शब्द नहीं है — यह हमारी धरती की धड़कन है। जब एक प्रजाति विलुप्त होती है, तो हमारी धरती की एक धड़कन बंद हो जाती है। हमें मिलकर इसकी रक्षा करनी होगी — ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस सुंदर पृथ्वी पर शांति और समृद्धि से जीवन जी सकें। अगर हम प्राकृतिक संक्रमण से बचना चाहते हैं तो हमें सुधार की ओर तत्काल सक्रिय होना चाहिए।

“प्रकृति को बचाइए — यही सच्ची मानवता है।”

अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना चाहते हैं, तो जुड़े रहिए प्रकृति दर्शन के साथ www.prakritidarshan.com पर।

Sandeep Kumar Sharma,

 Editor in Chief , Prakriti Darshan,

International Journal & Magazine of Nature and Environment

(ISSN 2581-83921)

Sandeep Kumar Sharma
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