Become a Member & enjoy upto 50% off
Enjoy Free downloads on all over the world
Welcome to Prakriti Darshan
Nature Lover - Subscribe to our newsletter
Donate for greener & cleaner earth
Welcome to Prakriti Darshan
Join our Community
Tigress Kankati

Tigress Kankati :  बाघिन ‘कनकटी’ मुकुंदरा अब नया ठिकाना , आक्रामक व्यवहार, इतिहास और रहस्य”

प्रकृति दर्शन टीम | 22 जून 2025

रणथंभौर के जंगलों में बसी एक अनोखी बाघिन — ‘‘कनकटी’, जिसने अपने आक्रामक स्वभाव और दबंग उपस्थिति से न केवल पर्यटकों बल्कि वन अधिकारियों को भी चौंकाया है। राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। रणथम्भौर की प्रसिद्ध बाघिन ‘कनकटी’ Tigress Kankati नया ठिकाना मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व है।

रणथंभौर की आक्रामक Tigress Kankati बाघिन ‘कनकटी’ कौन है?

‘‘कनकटी’ का नाम उसके एक कान के कटे हुए हिस्से से पड़ा। एक पुराने संघर्ष के दौरान उसके एक कान पर गहरी चोट आई थी जिससे वह कट गया। यही पहचान उसे अन्य बाघों से अलग बनाती है। वनकर्मी और ट्रैकर्स उसे इसी विशिष्ट पहचान से पहचानते हैं।

मुकुंदरा में शिफ्ट कर दिया

राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। रणथम्भौर की प्रसिद्ध बाघिन ‘ऐरोहेड’ की बेटी आरबीटी-2507, जिसे ‘कनकटी’  नाम से भी जाना जाता है, को गुरुवार को एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंज़र्वेशन अथॉरिटी) की गाइडलाइन के तहत मुकुंदरा में शिफ्ट कर दिया गया। इस स्थानांतरण की प्रक्रिया का वन विभाग लंबे समय से इंतजार कर रहा था और आखिरकार लगभग दो साल बाद यह इंतजार खत्म हुआ। अब मुकुंदरा में बाघों की कुल संख्या 5 हो गई है, जिसमें एक नर और चार मादाएं शामिल हैं।

स्थानांतरण की प्रक्रिया:

रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में वन विभाग की विशेषज्ञ टीम की मौजूदगी में बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया गया। क्षेत्रीय निदेशक अनूप के.आर., उपवन संरक्षक डॉ. रामानंद भाकर और मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के उपवन संरक्षक मुथु एस इस टीम में भी शामिल थे।   रेडियो कॉलर  और स्वास्थ्य परीक्षण लगाने की प्रक्रिया पूर्ण की गई। । ठीक दोपहर 3:38 बजे, मुकुंदरा के दरा क्षेत्र स्थित विशेष एनक्लोजर में बाघिन को छोड़ा गया, 24 घंटे उसकी सुरक्षा के लिए निगरानी की जा रही है।

क्यों खास है यह स्थानांतरण? Tigress Kankati

रणथम्भौर की यह बाघिन न केवल जेनेटिक रूप से मजबूत मानी जाती है, बल्कि उसका स्वभाव भी स्थिर और संतुलित है। ऐरोहेड की संतान होने के कारण उसमें बाघिनों की नेतृत्व क्षमता और व्यवहारिक परिपक्वता देखी जाती है, जो मुकुंदरा के वन्यजीव संतुलन के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।

वन विभाग की नजरें अब भविष्य पर

इस स्थानांतरण को लेकर विभागीय अधिकारी बेहद आशान्वित हैं। उनका मानना है कि यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो आने वाले समय में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में प्राकृतिक रूप से प्रजनन की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।

वन अधिकारियों के अनुसार, बाघिन की दिन-रात CCTV कैमरों, ट्रैप कैमरों और रेडियो कॉलर से निगरानी की जाएगी ताकि उसके व्यवहार, स्वास्थ्य और वातावरण के अनुकूलन पर बारीकी से नजर रखी जा सके।

 बाघिन ‘कनकटी’  का परिचय संक्षेप में-Tigress Kankati

नाम (कोड): RBT-2507

माता: प्रसिद्ध बाघिन ऐरोहेड (रणथम्भौर)

नया ठिकाना: मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, दरा क्षेत्र

पहले स्थान: रणथम्भौर टाइगर रिजर्व

विशेषता: रेडियो कॉलर से ट्रैक की जा रही, संतुलित व्यवहार वाली युवा बाघिन

क्यों कहलाती है ‘कनकटी’ आक्रामक बाघिन? Tigress Kankati

जी हां। ‘कनकटी’ ने कई बार वन विभाग की टीम, पर्यटक वाहनों और अन्य बाघों पर हमले किए हैं। कई मामलों में उसे शावकों की सुरक्षा करते हुए पाया गया, जिससे उसकी आक्रामकता को मातृत्व से भी जोड़ा गया।

‘कनकटी’ Tigress Kankati से जुड़ी सबसे चर्चित घटना कौन सी है?

2022 में एक पर्यटक वाहन को घेरने की उसकी घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी, जिसमें उसने जोर से दहाड़ते हुए वाहन की ओर बढ़ने का प्रयास किया था। हालांकि, वह पलट गई और कोई नुकसान नहीं हुआ।

मातृत्व की जीवंत मिसाल

रणथंभौर की ‘कनकटी’ केवल एक बाघिन नहीं, बल्कि शक्ति, स्वाभाविक आक्रामकता और मातृत्व की जीवंत मिसाल है। हर वन्य जीव की अपनी सीमाएँ और व्यवहार होते हैं, जिन्हें हमें समझने और सम्मान देने की आवश्यकता है। पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए ऐसी बाघिनों का संरक्षण अनिवार्य है।

संदर्भ (References)

  1. रणथंभौर टाइगर रिज़र्व – पर्यावरण मंत्रालय रिपोर्ट (MoEFCC)
  2. National Tiger Conservation Authority (NTCA) रिकॉर्ड
  3. Ranthambore National Park Wildlife Blogs (2023–2025)
  4. राजस्थान वन विभाग की बाघिन T-39 पर निगरानी रिपोर्ट
  5. ‘The Tigress of Ranthambore’ – A Wild India Documentary (YouTube)
  6. https://www.patrika.com/

PRAKRITI DARSHAN-NATURE AND ENVIRONMENT MAGAZINE

प्रकृति दर्शन  एक प्रमुख  ( हिंदी ) पत्रिका और डिजिटल मंच है।

पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विषयों पर जनजागरूकता फैलाने का कार्य करता है।

यह पत्रिका विज्ञान, समाज और संवेदना का संगम है।

जो शोधकर्ताओं, छात्रों, एनजीओ, नीति निर्माताओं, प्रकृति प्रेमियों और जागरूक नागरिकों को एक साझा मंच प्रदान करती है।

आइए हम सब मिलकर इस पृथ्वी को संरक्षित और सुंदर बनाएँ। 🌿🌍

Join us in our mission to protect and celebrate the planet. 🌏💚

Click for more information :

🎗️Sponsor Prakriti Darshan Magazine – Support our environment mission.

SANDEEP KUMAR SHARMA,

EDITOR IN CHIEF,

PRAKRITI DARSHAN-NATURE AND ENVIRONMENT MAGAZINE www.prakritidarshan.com


Leave a Reply

Shopping cart

0
image/svg+xml

No products in the cart.

Continue Shopping