Description
जलस्रोत बचाईये, संस्कृति मुस्कुराएगी
दोस्तों जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत विभिन्न संस्कृतियों वाला देश है, संस्कृतियों के कई रंग हैं और इस खूबसूरती से दुनिया भारत को श्रेष्ठ मानती है। हम सभी जानते हैं कि हमारे लिए जल, कुओं, नदियों और तालाबां का क्या महत्व है। हम बात कर कर रहे हैं जलस्रोतों की जो खत्म हो रहे हैं, यकीनन हमारी लापरवाही है और इसे स्वीकार्य किया जाना चाहिए लेकिन एक महत्वपूर्ण पक्ष यह भी है कि यदि जलस्रोत खत्म हुए तब हमारी यह संस्कृति भी स्वतः ही सूख जाएगी, सोचिएगा कि बिना जल, बिना कुओं और बिना तालाबों के कैसे उत्सव मनेंगे और कैसे खुशियों की दस्तक होगी। उत्सव और त्योहार हमारे इस जीवन में उत्साह का संचार करते हैं और हम गाहे बगाहे ही पूजा अर्चना के लिए जलस्रोत के करीब पहुंच ही जाते हैं, हमारी जरुरी रस्में भी बिना जल के कहां पूरी होती हैं। हम कैसे नकार सकते हैं कि हमारे जीवन में जल के अनमोल महत्व को। बिन पानी सब सून बहुत पुरानी बात है, हम सभी पढ़कर आगे आए हैं लेकिन क्या हमने यह भी सोचा है कि बिना पानी और बिन जलस्रोतों के हमारा जीवन सूना हो जाएगा, सूख जाएगा और संभव है दोबारा उस पर कभी मुस्कान की फसल भी न लहलहाए।
सोचिएगा कि एक कुआं सूखता है या खत्म होता है तब कितना कुछ बदलता है, कितने कंठों का प्यास से सराबोर होकर पानी तक पहुंचने का सफर लंबा हो जाता है, पहले चंद कदमां पर जलस्रोत थे, पानी था, जीवन था, खुशियां थीं, उम्मीदें थीं और खिलखिलाती संस्कृति थी। अब क्या है, कई हिस्सों में पानी के लिए घंटों का पैदल सफर, न चेहरे पर खुशी और न ही जीवन में उत्साह। उत्सव और उल्लास की बातें ऐसे हिस्सों में बिसरा दी गई हैं। जाईयेगा औश्र पूछियेगा कि सूखे में प्यास का संकट झेलते बुंदेलखंड, मप्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के रहवासियों से कि घंटों का सफर तय कर जब जल का घड़ा घर की दहलीज पार करता है तब लगता है कि कुछ घंटों का जीवन जैसे हम सहेज लाएं हैं। ऐसी जगहों पर संस्कृतियां अक्सर सूख जाती हैं और खुशियां बांझ हो जाती हैं। देखिएगा, समझिएगा कि आज हम इस संकट को समझें और अपने आस पास के मरणासन्न जलस्रोतों को जीवित करने का कार्य आरंभ कर दें, समूह में अपने प्रयास आरंभ करें, जीत अवश्य मिलेगी।
संदीप कुमार शर्मा,
प्रधान संपादक, प्रकृति दर्शन
- “Rising Arabian Sea Levels and Ocean Warming: Key Insights from WMO Report 2024” - June 27, 2025
- The Secret to Cancer Treatment Hidden in Nature : How Do Vegetables Support Cancer Prevention and Healing? - June 27, 2025
- Baba Neem Karoli’s Divine Legacy at Kainchi Dham : A delightful place of faith and natural beauty: - June 26, 2025
Reviews
There are no reviews yet.