Description
विश्व पर्यावरण दिवस निश्चित ही एक महान दिन तय किया था लेकिन आज के समय में पर्यावरणीय बदलावों के बाद यह सोचा जाना जरुरी है कि एक दिन के इस उत्सव को अब क्या नया और बेहतर तरीका प्रदान किया जाए। हमेशा से होता यही आया है कि असंख्य पौधे इस दिन रोप दिए जाते हैं और यही एकमात्र सुधार का पर्याय बेहद आम तौर पर समझ में आता है…। हमारे यहां जहां तक विचारों की बात की जाए तो हम पर्यावरण में सुधार का एक सीधा सा रास्ता पौधारोपण ही मानते हैं हम यह तक नहीं जानना चाहते कि हमारे द्वारा रोपे गए पौधों का क्या हुआ, जिन पौधों को हम रोप रहे हैं वह जमीन उसके लिए तैयार है या नहीं, मौसम कैसा है, गर्मी कितनी है, जो पौधा रोपा जा रहा है क्या वह इतनी गर्मी के दिनों में जमीन में अपनी जगह बना पाएगा या झुलसकर रह जाएगा और क्या कभी इस दिन लगाए गए पौधों की संख्या और अंकुरित हो चुके पौधों तथा झुलस गए पौधों का जोड घटाना किया जाता है ?
Reviews
There are no reviews yet.