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प्रदूषण-Jan Feb March 2019

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल लगभग 7 मिलियन लोग वायु प्रदूषण के कारण असमय मृत्यु का शिकार हो जाते हैं। इससे श्वसन संबंधी बीमारियाँ, कैंसर और हृदय रोग बढ़ रहे हैं।

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Description

प्रदूषण वर्तमान समय की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक बन गया है। औद्योगीकरण, शहरीकरण और आधुनिक जीवनशैली ने इसे और भी घातक बना दिया है। प्रदूषण के कारण न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि मानव स्वास्थ्य और जैव विविधता भी संकट में हैं।

प्रदूषण की घातकता

  1. वायु प्रदूषण – विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल लगभग 7 मिलियन लोग वायु प्रदूषण के कारण असमय मृत्यु का शिकार हो जाते हैं। इससे श्वसन संबंधी बीमारियाँ, कैंसर और हृदय रोग बढ़ रहे हैं।

  2. जल प्रदूषण – नदियों और झीलों में औद्योगिक कचरा और प्लास्टिक कचरे के कारण जल स्रोत विषाक्त हो रहे हैं, जिससे जलजनित रोग फैल रहे हैं।

  3. भूमि प्रदूषण – रासायनिक उर्वरकों, प्लास्टिक और औद्योगिक कचरे के कारण भूमि की उर्वरता घट रही है, जिससे कृषि उत्पादन प्रभावित हो रहा है।

  4. ध्वनि प्रदूषण – अधिक शोर मानसिक तनाव, अनिद्रा और सुनने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

प्रदूषण से बचाव के उपाय

  1. हरित ऊर्जा का उपयोग – कोयले और पेट्रोलियम ईंधन के स्थान पर सौर, पवन और जल ऊर्जा का अधिक उपयोग करना चाहिए।

  2. वृक्षारोपण – अधिक से अधिक पेड़ लगाकर वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।

  3. प्लास्टिक का प्रयोग कम करना – प्लास्टिक की जगह जैव-अपघटनीय (Biodegradable) सामग्रियों का उपयोग बढ़ाना चाहिए।

  4. शहरों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना – निजी वाहनों की संख्या कम करने से वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है।

  5. औद्योगिक कचरे का प्रबंधन – कारखानों से निकलने वाले रासायनिक कचरे को सुरक्षित रूप से नष्ट किया जाना चाहिए।

  6. जल संरक्षण – जल स्रोतों को स्वच्छ रखने और जल का व्यर्थ उपयोग रोकने की आवश्यकता है।

प्रदूषण एक गंभीर वैश्विक संकट बन चुका है, लेकिन उचित कदम उठाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि हम अभी जागरूक नहीं हुए, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए यह खतरा और भी बड़ा हो जाएगा।

BALA DATT

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