Description
पक्षियों से हमारा रिश्ता मजबूत हो
नववर्ष 2023 का आगाज हो चुका है सभी पर्यावरण प्रेमियों, पाठकों और लेखक साथियों को शुभकामनाएं…।
साल का पहला अंक प्रवासी पक्षियों पर। प्रवासी पक्षियों पर जब मैं इस अंक को तैयार कर रहा था उस समय मुझे यह अनुभूति हुई कि वाकई यह एक ऐसा अनूठा अंक है जिसकी पूर्णता गहरी राहत दे रही है। हम कितना जानते हैं प्रवासी पक्षियों के विषय में, उनके व्यवहार, उनकी आवश्यकताओं, उनके प्रयासों, उनके खुशियां, उनके दर्द, उनकी चिंताएं…? यह अंक और इसके आलेख बहुत सी ऐसी ही नायाब जानकारियों से परिपूर्ण हैं जिन्हें समझना आज शायद सभी के लिए बेहद जरुरी है।
सोचिएगा कि अपना देश छोड़कर निकलते हैं अपने कोमल परों के सहारे। उम्मीद लेकर आते हैं, मौसम को वे बेहतर जानते हैं उनके बदलावों से बेहतर तरीके से वाकिफ होते हैं। देश में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता रहा है लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के कारण हालात विपरीत हो रहे हैं, हमें इन अतिथियों के लिए बेहतर रास्ते और अच्छा माहौल बनाना होगा, उनकी सुरक्षा और उसके लिए और बहुत सी बेहतर साइट तैयार करनी होंगी जिन तक वे पहुंचे और हर बार पूरे भरोसे से पहुंचें। पक्षियों का आना किसी भी क्षेत्र के लिए सुखद अहसास की तरह है। यह अंक इसलिए जरुरी है क्योंकि पक्षियों का प्रवास एक आनंदायी अवसर होता है, उन्हें देखने के लिए एक आम व्यक्ति में भी जिज्ञासा होनी चाहिए लेकिन इस आनंद को चुनिंदा वे ही साथी उठा रहे हैं जो पक्षियों के प्रवास को देखने को आतुर होते हैं या फोटोग्राफर साथी जिन्हें इन पक्षियों की खूबसूरती, उड़ान और हरेक हलचल पसंद आती है। खुशी इस बात की है कि इस अंक में फोटोग्राफर साथियों ने आलेख लिखे हैं।
पक्षी जुनूनी होते हैं और वे भी असामान्य उदाहरण पेश करते हैं। यहां मैं जिक्र करना चाहता हूं एक पक्षी युवा बार टेल्ड गॉडविट के बारे में। इस पक्षी ने सतत उड़ान का एक रिकार्ड बनाया है। अलास्का से तस्मानिया तक 13,560 किमी की उड़ान 11 दिनों से कुछ अधिक समय में पूर्ण की। यह बार-टेल्ड गॉडविट 13 अक्टूबर, 2022 को अलास्का से उड़ा था और 24 अक्टूबर को उत्तर-पूर्वी तस्मानिया के ऐनसंस बे में जमीन पर उतरा। इससे पहले 2020 में उसने अलास्का से न्यूजीलैंड की 12,854 किलोमीटर की दूरी तय की थी। फिर उसने 2021 में उसी रूट पर 13,050 किलोमीटर की यात्रा करके अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया था लेकिन, अबकी बार-टेल्ड गॉडविट ने सिर्फ 5 महीने की उम्र में ये सारे रिकॉर्ड धाराशायी कर दिए हैं। यह पहली बार हुआ है, जब एक टैग किए गए बार-टेल्ड गॉडविट अलास्का से प्रवास के लिए तस्मानिया पहुंचा है। पक्षी वैज्ञानिकों को यात्रा मैप दिखने से लगता है कि इतनी दूर की यात्रा में उसने कहीं भी धरती पर कदम नहीं रखा और लगातार उड़ता रहा। पक्षी वैज्ञानिकों ने उसे टैग किया था, जिससे उसके लोकेशन की जानकारी उपलब्ध रही और पूरा रूट-मैप वैज्ञानिक रिकॉर्ड के लिए जुटाया जा सका है। पक्षी जीव विज्ञानियों का आकलन सही निकला। कई साल पहले मार्क बार्टर और अन्य जल पक्षी जीव वैज्ञानिकों ने अंदाजा लगाया था कि पक्षियों की ऐसी प्रजातियों के लिए संभव है कि वे 11,000 किलोमीटर से लेकर 13,000 किलोमीटर की रेंज तक उड़ान भर सकते हैं। उन्होंने जो अंदाजा लगाया था वह समय आने पर पूरी तरह से सटीक साबित हुआ। यह जानकारी गूगल से ही उपलब्ध हो पाई है आप भी चाहें तो इस सर्च कर सकते हैं और मैं चाहता हूं कि आप ऐसी अनेकानेक महत्वपूर्ण जानकारियों को पूरी लगन और उत्साह से हासिल करें ताकि पक्षी जगत पर बेहतर करने की संभावनाएं प्रबल हों।
इस महत्वपूर्ण अंक के साथ एक बात और भी कहना चाहता हूं कि आपने सुना होगा कि प्रवासी पक्षियों की यहां आने पर मौत भी हो जाती है। इस बेहद संजीदा विषय है क्योंकि इसे अगर मानवीयता के तौर पर महसूस करेंगे तो आप सोचिएगा कि अपने देश से हजारों किमी की दूरी पर निकला कोई पक्षी जब अपने क्षेत्र नहीं लौट पाता होगा तब जिनके साथ वह आया था वह पक्षियों का समूह अनेक सवाल लेकर अवश्य जाते होंगे…? सोचिएगा कि हम अपने यहां ऐसे हालात कैसे बनाएं जिनसे वे प्रवास पर आए पक्षी बेखौफ होकर रहें और उत्साह से आएं और खुशी के साथ लौट जाएं। इसके लिए केवल सरकार नहीं बल्कि हम आम व्यक्तियों को भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा।
यह अंक एक प्रयास है सभी पक्षियों को हमारे मानव समाज के करीब लाने, प्रवासी पक्षियों के लिए बेहतर माहौल बनाने और इस बहाने पक्षियों की बात हर व्यक्ति तक पहुंचे ऐसा ही कुछ खास करने को। हमारा प्रयास आपके प्रयास से ही सार्थक होगा। अतिथि दैवो भवः वाले संस्कार हम सभी में हैं…तो उत्साह से पक्षियों के स्वागत को आतुर रहें…।
संदीप कुमार शर्मा,
प्रधान संपादक, प्रकृति दर्शन
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