Prakriti Darshan | Nature & Environment News | 19 July 2025
“भारत और अमेरिका का संयुक्त मिशन NISAR (निसार) जुलाई 2025 में लॉन्च होने जा रहा है। यह दुनिया का पहला ऐसा उपग्रह होगा जो ड्यूल-फ्रीक्वेंसी रडार तकनीक का उपयोग कर पृथ्वी की सतह, जंगलों, हिमखंडों और तटीय क्षेत्रों की बारीक निगरानी करेगा। इस मिशन का उद्देश्य न केवल प्राकृतिक आपदाओं की समय पर पहचान करना है, बल्कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण के लिए सटीक डेटा उपलब्ध कराना भी है। ISRO और NASA की साझेदारी से तैयार यह उपग्रह वैज्ञानिकों, किसानों और नीति-निर्माताओं के लिए एक नई उम्मीद लेकर आ रहा है।” “NISAR Satellite Launch 2025”

NISAR मिशन क्या है और इसकी खासियत क्या होगी?
(NISAR) (NASA ISRO Synthetic Aperture Radar) पहले (ड्यूल फ़्रीक्वेंसी रडार मिशन) है जिसमें (ISRO) का S बैंड और (NASA) का L बैंड रडार उपयोग होगा। यह पृथ्वी की सतह और बर्फ की गतिशीलता को सेंटीमीटर स्तर तक मापने में सक्षम होगा ।
लॉन्च कब और कहां होगा? “NISAR Satellite Launch 2025”
30 जुलाई 2025 को इस मिशन की लॉन्चिंग ISRO के सतीश धवन स्पेस सेंटर (श्रीहरिकोटा) से GSLV F16 रॉकेट द्वारा की जाएगी ।
मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
NISAR मिशन का उद्देश्य पृथ्वी की सतह में बदलाव, ग्लेशियर और तटीय क्षेत्रों की निगरानी करना एवं प्राकृतिक आपदाओं (भूकंप, बाढ़, भूस्खलन आदि) की पहचान कर प्रतिक्रिया में सुधार लाना है ।
कितनी देर तक चलेगा यह मिशन? “NISAR Satellite Launch 2025”
यह तीन वर्षों के लिए कारगर रहेगा, जिसके दौरान यह धरती की सम्पूर्ण सतह को लगभग हर 12 दिनों में एक बार स्कैन करेगा ।
डेटा कब उपलब्ध होगा?
NISAR द्वारा इकट्ठा किया गया डेटा सामान्यतः प्रयोगशाला और शोधार्थियों के लिए 1–2 दिन में प्रकाशित हो जाएगा; आपातकालीन स्थिति में अविलंब उपलब्ध होगा ।
(FAQs) “NISAR Satellite Launch 2025”
- NISAR मिशन क्यों महत्वपूर्ण है?
→ क्योंकि यह पृथ्वी की सतह व बर्फ की झटपट जाँच करेगा और हम‑आप को प्राकृतिक आपदाओं से समय पर सचेत कर पाएगा। - क्या यह ISRO‑NASA का पहला सहयोग है?
→ नहीं, लेकिन यह पहला ऐसा मिशन है जिसमें दोनों एजेंसियों ने ड्यूल‑फ़्रीक्वेंसी रडार तकनीक साझा की है। - S‑बैंड और L‑बैंड रडार का क्या महत्व है?
→ S‑बैंड सतह की ऊंचाई व नमी नापता है, जबकि L‑बैंड गहरे स्तर का डेटा प्रदान करता है। - क्या यह मिशन सिर्फ वैज्ञानिकों के लिए है?
→ नहीं, डेटा सार्वजनिक रहेगा, जिससे किसानों, आपदा प्रबंधन और नीति‑निर्माताओं को भी फायदा मिलेगा। - क्या इस मिशन से पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी?
→ बिल्कुल—जंगल क्षरण, आइस शीट पिघलना, तटीय कटाव जैसे पर्यावरणीय बदलावों की प्रभावशाली निगरानी संभव होगी। - क्या लॉन्च की तारीख स्थिर है?
→ फिलहाल 30 जुलाई 2025 निर्धारित है, लेकिन अंतिम मंजूरी और समीक्षाओं के बाद बदलाव संभव हैं । - मिशन की लागत कितनी है?
→ संयुक्त रूप से लगभग $1.5 बिलियन (करीब ₹12,000 करोड़) की लागत अनुमानित है। - क्या NISAR से तटीय इलाकों को खास लाभ होगा?
→ हाँ, बाढ़, समुद्री कटाव और तूफान से प्रभावित क्षेत्रों की बेहतर निगरानी संभव होगी। - क्या यह मिशन डेटा सार्वजनिक करेगा?
→ हाँ, डेटा वैश्विक शोधार्थियों के लिए खुला रहेगा, और आपात स्थिति में तत्काल उपलब्ध होगा ।
(FAQ)
- इस मिशन से क्या तकनीकी नवाचार होंगे?
→ इसमें 13‑मीटर डायामीटर वाला मेष ऐंटेना, बहु‑स्तरीय डेटा प्रसारण और उच्च‑रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग शामिल हैं । - क्या पर्यावरणीय कानून‑नियमन में मदद मिलेगी?
→ बिल्कुल—जैसे, वनों की कटाई की निगरानी और भूमि उपयोग परिवर्तन का आकलन। - इससे आपदा‑प्रबंधन को कैसे फायदा होगा?
→ भूकंप के बाद भूस्खलन, बाढ़ के बाद बाँध ढाँचों की जाँच जैसे गतिविधियों की रियल‑टाइम जानकारी मिल सकेगी। - क्या मिसाइल लॉन्च की लाइव स्ट्रीम होगी?
→ हाँ, NASA‑JPL लाइव इवेंट आयोजित करेगा और #AskNISAR के माध्यम से इंटरैक्शन का अवसर भी मिलेगा । - क्या NISAR की सफलता से अन्य मिशन प्रेरित होंगे?
→ उम्मीद की जा रही है कि यह मॉडल अगले संयुक्त पर्यावरण‑अवलोकन एवं जलवायु मॉनिटरिंग मिशनों के लिए आधार बनेगा। - क्या भारत में अकादमिक संस्थान जुड़े हुए हैं?
→ जी हाँ, IIT कानपुर एवं पटना जैसे केंद्र NISAR कैलिब्रेशन में जुड़े हैं ।
निष्कर्ष:
भारत और अमेरिका का यह संयुक्त प्रयास न केवल अंतरिक्ष सहयोग की मिसाल है, बल्कि यह प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण में नई क्रांति ला सकता है। NISAR के जरिये हमें धरती की झटपट जानकारी मिलेगी—जो समय पर कार्रवाई और जागरूकता दोनों में मददगार साबित होगी।
📚 संदर्भ (References):
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- “NASA‑ISRO to launch $1.5 billion NISAR satellite…” – Times of India The South Asian Times+14Wikipedia+14The Times of India+14
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- Wikipedia: NISAR Satellite details The South Asian Times+3Wikipedia+3Top AI Tools List – OpenTools+3
- GSLV F16 specs & launch date Top AI Tools List – OpenTools+3Wikipedia+3India Today+3
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