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Jawai Dam- Prakriti Darshan Nature and Environment Magazine

Jawai Dam- वन्यजीव संरक्षण, सिंचाई और पेयजल के लिए बेहद महत्वपूर्ण

Prakriti Darshan | Nature & Environment News | 19 July 2025

जवाई डैम न केवल पश्चिमी राजस्थान की जल जीवनरेखा है बल्कि यह वन्यजीव, पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण का प्रमुख केंद्र भी है। यह बांध पाली और आसपास के जिलों की कृषि और पेयजल जरूरतों को पूरा करता है और राजस्थान की प्राकृतिक धरोहरों में से एक है।  Jawai Dam- 90% तक भर चुका है।

Jawai Dam- Prakriti Darshan Nature and Environment Magazine
Jawai Dam- Prakriti Darshan Nature and Environment Magazine

जवाई डैम कहां स्थित है और इसका महत्व क्या है? Jawai Dam

जवाई डैम राजस्थान के पाली जिले में स्थित है और इसे पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध माना जाता है। यह बांध जवाई नदी पर बना हुआ है, जो लूणी नदी की प्रमुख सहायक नदी है। यह बांध सिंचाई, पेयजल और स्थानीय वन्यजीव संरक्षण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

जवाई डैम किसने और कब बनाया था?

(राजस्थान सरकार)  द्वारा जवाई डैम का निर्माण (1946 से 1957 ) के बीच कराया गया था। यह बांध पाली और आसपास के क्षेत्रों की कृषि को पानी उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया था, ताकि मरुस्थलीय क्षेत्र में खेती की संभावना बढ़ सके।

जवाई डैम में इस समय कितना पानी आया है? Jawai Dam

हाल की रिपोर्ट्स के अनुसार, मानसून की अच्छी बारिश के चलते जवाई डैम लगभग 90% तक भर चुका है। इसमें करीब 7887 मिलियन क्यूबिक फीट (MCFT) पानी की क्षमता है। यह पानी पाली, सिरोही और आसपास के जिलों को जीवनरेखा प्रदान करता है।

पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा डैम कौन सा है?

जवाई डैम को ही पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध कहा जाता है, क्योंकि यह न केवल क्षेत्र की सबसे बड़ी जल-संरचना है, बल्कि इसे ‘राजस्थान का लेपर्ड हिल्स वाटर सोर्स’ भी कहा जाता है, क्योंकि इसके आसपास के जंगलों में तेंदुओं और मगरमच्छों की बड़ी संख्या रहती है।

पर्यावरण और पर्यटन में जवाई डैम का योगदान

जवाई डैम के आसपास का क्षेत्र जंगली तेंदुओं, मगरमच्छों और प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है। हर साल हजारों पर्यटक यहां आते हैं, जिससे यह इको-टूरिज्म का प्रमुख केंद्र बन चुका है।

FAQs – Jawai Dam

जवाई डैम कहां स्थित है?

    पाली जिले, राजस्थान में, जवाई नदी पर।

    जवाई डैम क्यों बनाया गया था?

    सिंचाई, पेयजल और बाढ़ नियंत्रण के लिए।

    जवाई डैम की कुल जल भंडारण क्षमता कितनी है?

    लगभग 7887 मिलियन क्यूबिक फीट (MCFT)।

    जवाई डैम का पानी किन जिलों में उपयोग होता है?

    पाली, सिरोही, जालोर और आसपास के गांवों में।

    पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा डैम कौन सा है?

    जवाई डैम।

    कौन सी नदी जुड़ी है?

    जवाई नदी, जो लूणी नदी की सहायक नदी है।

    जवाई डैम किसलिए प्रसिद्ध है?

    तेंदुए, मगरमच्छ और प्रवासी पक्षियों के आवास के लिए।

    जवाई डैम पर्यटन स्थल क्यों है?

    यहां सफारी, बर्ड वॉचिंग और तेंदुए देखने की सुविधा है।

    जवाई डैम का पानी पीने के लिए किन शहरों को दिया जाता है?

    पाली और सिरोही के कई कस्बों व गांवों को।

    जवाई डैम का पानी खेती में कैसे उपयोग होता है?

      फसलों की सिंचाई और जल संरक्षण योजनाओं में।

      क्या जवाई डैम पर्यावरण संरक्षण में योगदान देता है?

        हां, यह वन्यजीव संरक्षण और जलवायु संतुलन बनाए रखने में अहम है।

        जवाई डैम का क्षेत्रफल कितना है?

          यह लगभग 10,500 हेक्टेयर क्षेत्र को प्रभावित करता है।

          जवाई डैम में अभी कितना पानी भरा हुआ है?

            ताजा जानकारी के अनुसार 90% से अधिक क्षमता तक भर चुका है।

            क्या जवाई डैम के आसपास सफारी या टूर की सुविधा है?

              हां, यहां स्थानीय गाइड्स द्वारा सफारी और इको-टूर की सुविधा दी जाती है।

              निष्कर्ष (Summary):

              जवाई डैम न केवल पश्चिमी राजस्थान की जल जीवनरेखा है बल्कि यह वन्यजीव, पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण का प्रमुख केंद्र भी है। यह बांध पाली और आसपास के जिलों की कृषि और पेयजल जरूरतों को पूरा करता है और राजस्थान की प्राकृतिक धरोहरों में से एक है।

              संदर्भ (References):

              1. राजस्थान जल संसाधन विभाग – www.waterresources.rajasthan.gov.in
              2. पाली जिला प्रशासन – www.pali.rajasthan.gov.in
              3. पर्यावरण एवं पर्यटन विभाग राजस्थान – www.tourism.rajasthan.gov.in
              4. स्थानीय समाचार रिपोर्ट (2025 मानसून अपडेट)
              5. https://hi.wikipedia.org/wiki/

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              SANDEEP KUMAR SHARMA,

              EDITOR IN CHIEF,

              PRAKRITI DARSHAN-NATURE AND ENVIRONMENT MAGAZINE www.prakritidarshan.com


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