Prakriti Darshan | Nature & Environment News | 19 July 2025
जापान और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की नई रिसर्च ने एक बार फिर सौरमंडल के रहस्यमयी नौंवे ग्रह (Planet Nine) पर बहस छेड़ दी है। “Ammonite” नामक एक नए ट्रांस-नीप्च्यूनियन ऑब्जेक्ट की खोज और पुराने इन्फ्रारेड (IRAS और AKARI) डेटा के विश्लेषण ने संकेत दिए हैं कि शायद कोई बड़ा ग्रह मौजूद हो सकता है। लेकिन कई वैज्ञानिक इसे मात्र एक खगोलीय भ्रम (illusion) मानते हैं। अब आने वाले सालों में Vera Rubin Observatory और अन्य आधुनिक टेलीस्कोप इस रहस्य को सुलझाने में अहम भूमिका निभाएंगे। “Planet Nine (Ammonite)”


क्या वास्तव में सौरमंडल में नौंवा ग्रह Planet Nine (Ammonite) मौजूद है?
ताज़ा शोध के अनुसार, कई खगोलविद मानते हैं कि नौंवे ग्रह (Planet Nine) का अस्तित्व अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है। उपलब्ध सबूत केवल अप्रत्यक्ष डेटा और गणनाओं पर आधारित हैं, न कि किसी प्रत्यक्ष अवलोकन पर।
जापानी वैज्ञानिकों का नया दावा क्या है? “Planet Nine (Ammonite)”
“जापान के नेशनल एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्ज़र्वेटरी की टीम ने सबारू टेलीस्कोप के जरिए दूरस्थ खगोलीय पिंडों का अध्ययन किया। वैज्ञानिकों का मानना है कि अब तक मिले संकेत, जिन्हें प्लैनेट नाइन के अस्तित्व से जोड़ा जा रहा था, वे संभवतः सीमित आंकड़ों या अवलोकन संबंधी पक्षपात (Observational Bias) के कारण हो सकते हैं।”
हाँ, वैज्ञानिकों ने “Ammonite” नामक एक ट्रांस-नीप्च्यूनियन ऑब्जेक्ट (Sednoid) खोजा है। इसकी कक्षा बेहद असामान्य है और यह क्वाइपर बेल्ट से भी दूर घूमता है।
यह खोज Planet Nine (Ammonite) सिद्धांत को कैसे प्रभावित करती है?
Ammonite की खोज यह संकेत देती है कि अगर Planet Nine वास्तव में मौजूद है, तो उसकी कक्षा पहले से अनुमानित दूरी से भी कहीं अधिक दूर हो सकती है, जिससे पुराने सिद्धांतों पर सवाल उठते हैं।
वैज्ञानिक क्यों संदेह कर रहे हैं? “Planet Nine (Ammonite)”
Caltech के खगोलविद माइक ब्राउन और अन्य शोधकर्ताओं के मुताबिक, नए आंकड़ों में देखी गई कक्षा का झुकाव (लगभग 120°) पुरानी भविष्यवाणियों (15–20°) से मेल नहीं खाता।
प्लैनेट नाइन की खोज को लेकर अगले चरण क्या होंगे?
Vera Rubin Observatory, जो 2025 से काम शुरू करेगा, इस खोज में अहम भूमिका निभाएगा। इसकी अत्याधुनिक डिजिटल कैमरा तकनीक धीमी गति से चलने वाली दूरस्थ वस्तुओं का स्पष्ट अवलोकन कर सकेगी।
क्या मौजूदा सबूत Planet Nine के अस्तित्व को साबित करते हैं?
अभी नहीं। सभी सबूत अप्रत्यक्ष हैं—जैसे इन्फ्रारेड डेटा, कक्षीय पैटर्न और गुरुत्वीय मॉडल। प्रत्यक्ष प्रमाण की अभी प्रतीक्षा है।
क्या यह केवल डेटा त्रुटियों का परिणाम हो सकता है?
हाँ, सीमित सैंपल और ऑब्ज़र्वेशनल बायस की वजह से कई खगोलीय वस्तुओं की असामान्य कक्षाएँ गलत नतीजे दे सकती हैं, जिसके कारण कुछ वैज्ञानिक इसे केवल एक कल्पना या भ्रम मानते हैं।
यदि यह ग्रह है, तो इसका आकार और दूरी कितनी होगी?“Planet Nine (Ammonite)”
“अनुमान लगाया गया है कि यह ग्रह पृथ्वी और (सूर्य की औसत दूरी से लगभग 400 से 800 गुना अधिक दूर) हो सकता है। इसका द्रव्यमान (पृथ्वी की तुलना में 5 से 10 गुना अधिक) माना जा रहा है, इसी कारण इसे (‘सुपर-अर्थ’) (Super-Earth) श्रेणी का ग्रह समझा जा रहा है।”
पुराने इन्फ्रारेड डेटा क्या बताते हैं?
“IRAS (1983) और AKARI (2006–2011) उपग्रहों से मिले आंकड़ों में कुछ हल्के संकेत सामने आए हैं, जो संभवतः प्लैनेट नाइन की मौजूदगी की ओर संकेत करते हैं। हालांकि, इन सीमित आंकड़ों के आधार पर फिलहाल कोई पक्का निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता।”
आगे कौन सी वेधशालाएँ इसका रहस्य खोलेंगी?
आने वाले वर्षों में, वेरा रुबिन ऑब्ज़र्वेटरी और नैन्सी ग्रेस रोमन टेलीस्कोप जैसे उन्नत मिशन इन संभावित खगोलीय पिंडों का गहराई से अध्ययन करेंगे। इनके जरिए यह स्पष्ट किया जा सकेगा कि कथित ग्रह वास्तव में मौजूद है या यह सिर्फ एक खगोलीय भ्रम साबित होता है।
वैज्ञानिकों के बीच मतभेद क्यों हैं?
कुछ वैज्ञानिक, जिनमें ब्राउन और बट्यागिन शामिल हैं, का मानना है कि प्लैनेट नाइन का अस्तित्व सौरमंडल की गतिशीलता और इसकी असामान्य कक्षाओं को समझने में सहायक हो सकता है। वहीं, कई अन्य खगोलविद इसे मात्र डेटा की गलत व्याख्या या गणनात्मक त्रुटि मानते हैं।
क्या यह अंततः मिथक साबित हो सकता है?
हाँ, अगर Rubin Observatory आने वाले वर्षों में कुछ भी ठोस नहीं ढूँढती, तो यह सिद्धांत केवल एक गणनात्मक कल्पना साबित हो सकता है।
अगर यह खोज पुख्ता होती है तो क्या होगा?
इससे सौरमंडल की संरचना, गुरुत्वाकर्षणीय गतिशीलता और ग्रह निर्माण के वैज्ञानिक मॉडल में बड़े बदलाव आएंगे।
क्या यह खबर फिलहाल वैज्ञानिक जगत में चर्चा का विषय है?
हाँ, “Ammonite” की खोज और पुराने इन्फ्रारेड डेटा के कारण यह विषय फिर से चर्चा में है, लेकिन कोई अंतिम निष्कर्ष अभी तक नहीं निकला है।
FAQs
- क्या Planet Nine सच में मौजूद है?
→ अभी तक कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं मिला। - जापानी वैज्ञानिकों की मुख्य खोज क्या है?
→ उन्होंने “Ammonite” नामक नया Sednoid खोजा और इन्फ्रारेड डेटा का विश्लेषण किया। - Ammonite क्या है?
→ यह एक दूरस्थ ट्रांस-नीप्च्यूनियन ऑब्जेक्ट है। - Planet Nine क्यों भ्रम हो सकता है?
→ सीमित डेटा और ऑब्ज़र्वेशनल बायस की वजह से। - IRAS और AKARI डेटा क्या बताते हैं?
→ धुंधले बिंदु, जो दूरस्थ ग्रह का संकेत दे सकते हैं। - Rubin Observatory क्यों अहम है?
→ यह आने वाले वर्षों में Planet Nine की पुष्टि या खंडन कर सकती है। - प्रमुख वैज्ञानिक कौन हैं?
→ माइक ब्राउन, बट्यागिन और जापानी खगोलविदों की टीम। - ग्रह का अनुमानित आकार कितना है?
→ 5–10 गुना पृथ्वी का द्रव्यमान। - यह कितनी दूर है?
→ 400–800 AU या उससे अधिक। - क्या केवल इन्फ्रारेड संकेत ही सबूत हैं?
→ नहीं, Sednoid की असामान्य कक्षाएँ भी कारण हैं। - क्या अन्य वैज्ञानिक स्पष्टीकरण हैं?
→ हाँ, वैकल्पिक गुरुत्वीय मॉडल भी इसे समझा सकते हैं। - क्या यह बहस खत्म हो सकती है?
→ Rubin Observatory की खोजों के बाद तय होगा। - अगर ग्रह मिला तो क्या बदलेगा?
→ सौरमंडल की संरचना और विज्ञान की समझ। - क्या अभी तक कोई स्पष्ट तस्वीर है?
→ नहीं, सिर्फ अप्रत्यक्ष संकेत हैं। - यह बहस कब तक चलेगी?
→ 2025–2027 तक निर्णायक जानकारी मिलने की उम्मीद है।
संदर्भ (References)
- न्यूयॉर्क पोस्ट: “नेप्च्यून से परे नई दुनिया की खोज”
- लाइव साइंस, फोर्ब्स: Planet Nine और IRAS/AKARI संकेत
- इंडिया टुडे: “Planet Nine एक भ्रम?”
- द इकॉनॉमिक टाइम्स: जापानी वैज्ञानिकों के नए निष्कर्ष
- विकिपीडिया और नासा साइंस डेटा (सौरमंडल और कक्षीय अध्ययन)
PRAKRITI DARSHAN-NATURE AND ENVIRONMENT MAGAZINE
प्रकृति दर्शन एक प्रमुख ( हिंदी ) पत्रिका और डिजिटल मंच है।
पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विषयों पर जनजागरूकता फैलाने का कार्य करता है।
यह पत्रिका विज्ञान, समाज और संवेदना का संगम है।
जो शोधकर्ताओं, छात्रों, एनजीओ, नीति निर्माताओं, प्रकृति प्रेमियों और जागरूक नागरिकों को एक साझा मंच प्रदान करती है।
आइए हम सब मिलकर इस पृथ्वी को संरक्षित और सुंदर बनाएँ। 🌿🌍
Join us in our mission to protect and celebrate the planet. 🌏💚
Click for more information :
🎗️Sponsor Prakriti Darshan Magazine – Support our environment mission.
- 📚 Explore the Environment Magazine – Read our latest and past issues.
- ✍️ Read Editor’s Article or Blog – Insightful thoughts from our editorial desk.
- 🌱 Join Membership – Be part of India’s leading green community.
- 🤝 Become an NGO Impact Story Partner – Share your grassroots impact nationwide.
- 🏢 Become a Company Partner – Showcase your CSR, ESG, or sustainability work.
- 👤 Become an Individual Partner – Volunteer, write, and raise your green voice.
- 📢 Advertise with Us – Reach eco-conscious readers across India.
- Eco Trails Newsletter
- Donate for “Hari Ho Vashundhara & Har school Hariyali “ Plantation campaign Associated Partner NGO :GDSS NGO www.gdssngo.org
SANDEEP KUMAR SHARMA,
EDITOR IN CHIEF,
PRAKRITI DARSHAN-NATURE AND ENVIRONMENT MAGAZINE www.prakritidarshan.com
- NISAR Satellite Launch 2025- उपग्रह की लॉन्चिंग 30 जुलाई 2025 को: ड्यूल-फ्रीक्वेंसी रडार तकनीक का पहला उपग्रह - July 19, 2025
- Planet Nine (Ammonite) : सौरमंडल के रहस्यमयी नौंवे ग्रह पर नई बहस ? जापानी वैज्ञानिकों का नया दावा - July 19, 2025
- Jawai Dam- वन्यजीव संरक्षण, सिंचाई और पेयजल के लिए बेहद महत्वपूर्ण - July 19, 2025