रहस्यमयी (Oarfish) ओरफ़िश, जिसे अक्सर “प्रलय की मछली” कहा जाता है, तटीय जल में अप्रत्याशित रूप से उभर रही है—जिसने दुनिया भर का ध्यान आकर्षित किया है। यह लेख वैज्ञानिक तथ्यों, प्राचीन मिथकों, पिछले दिनों देखी गई ओरफ़िश और सुनामी व भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओंके बीच संभावित संबंधों पर प्रकाश डालता है। हम ओरफ़िश के जीव विज्ञान, आवास और सांस्कृतिक महत्व का विश्लेषण करेंगे—साथ ही हाल ही में दिखाई देने वाली ओरफ़िश की एक डेटा तालिका भी प्रस्तुत करेंगे।

ओरफिश क्या है और यह कहां पाई जाती है? Oarfish
ओअरफ़िश (रेगेलेकस ग्लेस्ने) दुनिया की सबसे लंबी हड्डीदार मछली है, जो समुद्र की सतह से 1,000 से 3,000 फीट नीचे रहती है । इन्हें जीवित रूप में बहुत कम देखा जाता है और जब ये सतह के पास दिखाई देती हैं, तो अक्सर लोगों में उत्सुकता और चिंता पैदा हो जाती है।
आवास और विशेषताएँ
वैज्ञानिक नाम : रेगेलेकस ग्लेस्ने
सामान्य नाम : ओरफ़िश, रिबनफ़िश, हेरिंग्स का राजा, प्रलय दिवस मछली
आकार : 36 फीट (11 मीटर) तक
वजन : 270 किलोग्राम तक
निवास स्थान : गहरे समुद्र (मेसोपेलैजिक क्षेत्र), दुनिया भर में, विशेष रूप से समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय महासागरों में
जीवनकाल : अनुमानित 10 वर्ष तक
ओरफिश खतरनाक नहीं होती, लेकिन वे अत्यंत नाजुक होती हैं और प्रायः सतह पर आते ही मर जाती हैं।
ओरफिश के बारे में विज्ञान क्या कहता है? Oarfish
वैज्ञानिकों का मानना है कि ओरफ़िश समुद्री जीवों के ड्रिफ्टर हैं जो प्लवक और क्रिल खाते हैं। इनका सतह पर आना भटकाव , चोट, या समुद्री धाराओं, तापमान या टेक्टोनिक गतिविधि के कारण दबाव में बदलाव का संकेत हो सकता है। ओरफ़िश का भूकंप से कोई ठोस संबंध नहीं है, लेकिन अक्सर भूकंपीय घटनाओं से पहले इनका दिखना अटकलों को जन्म देता है।
ओरफ़िश पिछले दिनों में यहां देखी गई
तारीख | जगह | स्थिति | नोट्स |
5 जून, 2025 | जापान के तोयामा खाड़ी में, | जीवित देखी गई जो बाद में मर गई | (4.2 मीटर) मापी गई। स्थानीय स्तर पर दहशत फैल गई |
9 जून, 2025 | पलावान फिलीपींस | मरी हुई मिली | भूकंप के बाद यह बह गई। |
14 जून, 2025 | (बाजा) कैलिफ़ोर्निया, मेक्सिको | जीवित मिली | समुद्र में वापस लाया गया बचाव दल द्वारा |
19 जून, 2025 | (बाली) इंडोनेशिया | मरी हुई | 5.1 तीव्रता के भूकंप के बाद पास में मिली। |
क्या ओरफिश के देखे जाने के बाद भूकंप या सुनामी आई है?
ओरफिश देखना | अनुवर्ती भूकंपीय गतिविधि | समय अंतराल | परिमाण |
तोयामा खाड़ी, जापान | हाँ (निगाता भूकंप) | 4 दिन | 5.8 |
पलावान, फिलीपींस | हाँ | 2 दिन | 5.2 |
बाली, इंडोनेशिया | हाँ | एक ही दिन | 5.1 |
बाजा कैलिफ़ोर्निया | नहीं | कोई नहीं (अभी तक) | लागू नहीं |
हालांकि वैज्ञानिक अति-अटकलबाजी के प्रति आगाह करते हैं, लेकिन इस तरह के पैटर्न ओरफिश की भविष्यवाणी को बढ़ावा देते रहते हैं।
ओरफिश को “प्रलय मछली” क्यों कहा जाता है? Oarfish
जापानी लोककथाओं में, ओरफ़िश को “रयुगु नो त्सुकाई ” के नाम से जाना जाता है , जिसका अर्थ है “समुद्र देवता के महल से आया दूत”। प्राचीन किंवदंतियों के अनुसार, जब भी यह रहस्यमय गहरे समुद्र का जीव सतह के पास दिखाई देता था, तो इसे सुनामी या भूकंप जैसी किसी आसन्न प्राकृतिक आपदा की चेतावनी के रूप में देखा जाता था। फिलिपिनो और इंडोनेशियाई तटीय संस्कृतियों में भी ऐसी ही मान्यताएँ प्रचलित हैं। यद्यपि ये मिथक अवैज्ञानिक हैं।
🧾 ओरफिश की प्रजातियाँ
वैज्ञानिक नाम | साधारण नाम | आकार | क्षेत्र मिला |
रेगालेकस ग्लेस्ने | विशाल ओरफ़िश | 11 मीटर तक | दुनिया भर में |
रेगालेकस रसेली | स्ट्रीमर ओरफ़िश | 1.5–2.5 मीटर | भारत-प्रशांत |
एग्रोस्टिचथिस पार्केरी | रिबन ओरफ़िश | 6 मीटर तक | दक्षिणी गोलार्द्ध |
ओरफिश स्पॉटेड का डेटा सारांश (2013–2025)
वर्ष | कितनी बार देखी गई | सबसे अधिक देखे जाने वाले क्षेत्र | भूकंपीय गतिविधि देखी गई? |
2013 | 8 | जापान, चिली | हाँ |
2016 | 6 | इंडोनेशिया, फिलीपींस | हाँ |
2020 | 9 | मेक्सिको, जापान | हाँ |
2023 | 7 | जापान, ताइवान | हाँ |
2025 | 4 (जून तक) | जापान, इंडोनेशिया, मेक्सिको | हाँ (4 में से 3 मामले) |
क्या ओरफिश वास्तव में भूकंप की भविष्यवाणी करती है या सिर्फ एक संयोग है? Oarfish
कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ओरफिश सुनामी या भूकंप या प्राकृतिक आपदा आदि की भविष्यवाणी कर सकती है। हालांकि, कुछ समुद्री जीवविज्ञानी सुझाव देते हैं कि गहरे समुद्र में रहने वाले ओरफिश टेक्टोनिक बदलावों से होने वाले सूक्ष्म कंपन या गैस रिसाव का पता लगा सकते हैं , जिससे वे संकट में सतह पर आ जाते हैं। सहसंबंध तो मौजूद है, लेकिन कारण-कार्य संबंध अभी भी अप्रमाणित है।
तमिलनाडु तट पर ओरफिश देखी गई :
क्या हुआ:
दिनांक: 16 जून 2025
स्थान: तमिलनाडु के तट पर मछुआरों को जाल में उलझी एक बड़ी ओरफिश मिली।
उपस्थिति: लगभग 30 फीट (9 मीटर) लंबा, लाल शिखा वाला चांदी के रिबन जैसा शरीर, संदिग्ध रूप से बड़ा – इसे उठाने के लिए सात पुरुषों की आवश्यकता थी।
ऑनलाइन प्रसार: इस क्षण को फिल्माया गया, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर साझा किया गया।
सारांश
ओरफिश गहरे समुद्र में रहने वाले रिबन जैसे जीव हैं जो सतह के पास बहुत कम देखे जाते हैं। वैज्ञानिक अनुसंधान जारी है। उनका दिखना दुर्लभ, आकर्षक और गहरे समुद्र के रहस्यों की याद दिलाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1. ओरफिश सतह पर क्यों आती है?
वे बीमारी, चोट, भटकाव, जल दबाव में परिवर्तन या टेक्टोनिक कंपन के कारण सतह पर आ सकती हैं।
प्रश्न 2. क्या ओरफिश मनुष्यों के लिए खतरनाक है?
नहीं, ओरफिश हानिरहित और नाजुक होती हैं।
प्रश्न 3. क्या ओरफिश और भूकंप के बीच कोई संबंध है?
इसमें वास्तविक सह संबंध तो है, लेकिन वैज्ञानिक रूप से इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
प्रश्न 4. नवीनतम ओरफिश कहां देखी गई?
जून 2025 में जापान, फिलीपींस, मैक्सिको और इंडोनेशिया में इसके दर्शन हुए।
References
- National Oceanic and Atmospheric Administration (NOAA)
- Japan Agency for Marine-Earth Science and Technology (JAMSTEC)
- Scientific American – Deep Sea Mysteries
- BBC Earth – What Happens When the Deep Sea Comes to the Surface
- “Marine Biology: Life in the Ocean” by Peter Castro
- NDTV: Offbeat report on oarfish in Tamil Nadu (ndtv.com, kknlive.com, hindustantimes.com)
- Hindustan Times background on global sightings
- Indian Express coverage of local scientific insight
- ABP Live’s cautionary update
- Mint: Expanded context and environmental discussion (livemint.com)
- Wikipedia: Oarfish biology and folklore context (en.wikipedia.org)
अस्वीकरण
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है । हालाँकि हम शोध किए गए तथ्य और देखे गए पैटर्न प्रदान करते हैं, हम अंधविश्वास का समर्थन नहीं करते । ओरफ़िश का दिखना प्राकृतिक आपदाओं का संकेत हो भी सकता है और नहीं भी। विश्वसनीय चेतावनियों के लिए कृपया आधिकारिक भूवैज्ञानिक और आपदा चेतावनी एजेंसियों का पालन करें।
PRAKRITI DARSHAN-NATURE AND ENVIRONMENT MAGAZINE
प्रकृति दर्शन एक प्रमुख ( हिंदी ) पत्रिका और डिजिटल मंच है।
पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विषयों पर जनजागरूकता फैलाने का कार्य करता है।
यह पत्रिका विज्ञान, समाज और संवेदना का संगम है।
जो शोधकर्ताओं, छात्रों, एनजीओ, नीति निर्माताओं, प्रकृति प्रेमियों और जागरूक नागरिकों को एक साझा मंच प्रदान करती है।
आइए हम सब मिलकर इस पृथ्वी को संरक्षित और सुंदर बनाएँ। 🌿🌍
Join us in our mission to protect and celebrate the planet. 🌏💚
Click for more information :
🎗️Sponsor Prakriti Darshan Magazine – Support our environment mission.
- 📚 Explore the Environment Magazine – Read our latest and past issues.
- ✍️ Read Editor’s Article or Blog – Insightful thoughts from our editorial desk.
- 🌱 Join Membership – Be part of India’s leading green community.
- 🤝 Become an NGO Impact Story Partner – Share your grassroots impact nationwide.
- 🏢 Become a Company Partner – Showcase your CSR, ESG, or sustainability work.
- 👤 Become an Individual Partner – Volunteer, write, and raise your green voice.
- 📢 Advertise with Us – Reach eco-conscious readers across India.
- Eco Trails Newsletter
- Donate for “Hari Ho Vashundhara & Har school Hariyali “ Plantation campaign Associated Partner NGO :GDSS NGO www.gdssngo.org
SANDEEP KUMAR SHARMA,
EDITOR IN CHIEF,
PRAKRITI DARSHAN-NATURE AND ENVIRONMENT MAGAZINE www.prakritidarshan.com
- New World Screwworm Outbreak 2025: न्यू वर्ल्ड स्क्रूवॉर्म क्या है, क्यों खतरनाक है और किन देशों में फैला? - July 23, 2025
- Oarfish: क्या यह गहरे समुद्र की विशालकाय मछली भूकंप या सुनामी की अग्रदूत है ? - July 23, 2025
- Mysterious Stone in Ganga- गंगा में तैरता मिला रहस्यमयी पत्थर, लोग बोले रामसेतु जैसा, पूजा और दर्शन को लगी भीड़, विज्ञान के सामने चुनौती - July 22, 2025