Prakriti Darshan | Nature & Environment News | 14July 2025
Arunachal Pradesh Bird Club (APBC) द्वारा हाल ही में किए गए जैव विविधता सर्वेक्षण में नामसाई जिले की नोंगसाया झील पर 89 से अधिक पक्षी प्रजातियों की उपस्थिति दर्ज की गई है। यह सर्वेक्षण अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता को दर्शाता है और यह क्षेत्र एक संभावित बर्ड वॉचिंग हॉटस्पॉट बनकर उभर रहा है। इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि यह नया अपडेट क्या है, किस तरह का सर्वेक्षण हुआ और इसका पर्यावरणीय महत्त्व क्या है। “Nongsaya Lake Biodiversity Survey”
नोंगसाया झील पर जैव विविधता सर्वेक्षण में क्या खास जानकारी सामने आई है?
हाल ही में APBC (Arunachal Pradesh Bird Club) द्वारा किए गए सर्वेक्षण में नोंगसाया झील पर 89 विभिन्न पक्षी प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं। इनमें प्रवासी, जलचर और स्थायी पक्षी शामिल हैं।
यह सर्वेक्षण कब और कहाँ किया गया?
यह सर्वेक्षण 2025 की गर्मियों में नोंगसाया झील, नामसाई जिला (अरुणाचल प्रदेश) में किया गया। इस क्षेत्र को पहली बार एक संगठित पक्षी गणना में शामिल किया गया।
सर्वेक्षण के दौरान किन पक्षियों की पहचान की गई? “Nongsaya Lake Biodiversity Survey”
प्रमुख पक्षी प्रजातियों में शामिल हैं:
- इंडियन रोलर
- लिटिल ग्रीब
- रेड-जंगली मुर्गा (Red Junglefowl)
- कॉमन किंगफिशर
- ब्रह्मिणी पतंग (Brahminy Kite)
- व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर
- एशियन पैराडाइज फ्लाईकैचर
इस सर्वेक्षण से क्या संकेत मिलते हैं? “Nongsaya Lake Biodiversity Survey”
यह सर्वेक्षण दर्शाता है कि नोंगसाया झील एक महत्वपूर्ण बर्ड बायोडायवर्सिटी ज़ोन है, जो प्रवासी और स्थानीय पक्षियों का आवास स्थल है।
Arunachal Pradesh Bird Club (APBC) कौन है और उनकी भूमिका क्या है?
APBC एक स्वयंसेवी संस्था है जो अरुणाचल प्रदेश में पक्षियों के संरक्षण, गणना और जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन करती है। इस संगठन ने विशेषज्ञ पक्षी विज्ञानी और स्थानीय युवाओं की मदद से यह सर्वेक्षण किया।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- नोंगसाया झील कहाँ स्थित है?
यह झील अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले में स्थित है, जो प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। - APBC क्या है?
Arunachal Pradesh Bird Club एक स्थानीय संगठन है जो पक्षियों की गणना और संरक्षण में काम करता है। - कितनी पक्षी प्रजातियाँ इस सर्वेक्षण में दर्ज की गईं?
कुल 89 प्रजातियाँ, जिनमें से कई दुर्लभ और प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। - क्या यह पहली बार हुआ है जब इस झील पर सर्वेक्षण किया गया?
हां, यह पहला संगठित और वैज्ञानिक पक्षी सर्वेक्षण था। - क्या इन पक्षियों में कोई विलुप्तप्राय प्रजाति भी थी?
कुछ प्रजातियाँ Near Threatened श्रेणी में आती हैं, जैसे कि ब्रह्मिणी पतंग। - इस सर्वेक्षण का उद्देश्य क्या था?
पक्षी विविधता का दस्तावेज़ तैयार करना, संरक्षण की दिशा में जानकारी जुटाना। - क्या सर्वेक्षण में स्थानीय लोगों की भी भागीदारी थी?
हां, स्थानीय युवाओं और छात्रों को भी प्रशिक्षित कर सर्वेक्षण में शामिल किया गया। - क्या यह क्षेत्र पर्यटन के लिए खोला जाएगा?
भविष्य में इसे ईको-टूरिज्म के रूप में विकसित करने की योजना है। - क्या झील का पारिस्थितिक तंत्र सुरक्षित है?
फिलहाल हां, लेकिन मानवीय गतिविधियों और प्रदूषण से सतर्क रहने की ज़रूरत है।
FAQs
- इस प्रकार के सर्वेक्षण कितनी बार किए जाते हैं?
आमतौर पर हर साल या हर सीजन के अनुसार किए जाते हैं। - इस क्षेत्र में पक्षी प्रेमियों के लिए क्या संभावनाएं हैं?
यह क्षेत्र बर्ड वॉचिंग और फोटोग्राफी के लिए बेहद उपयुक्त है। - क्या सरकार इस झील को संरक्षित क्षेत्र घोषित कर सकती है?
अगर पक्षियों की विविधता बनी रही, तो भविष्य में संरक्षित आर्द्रभूमि (Wetland) घोषित किया जा सकता है। - APBC ऐसे और भी सर्वेक्षण करता है क्या?
जी हां, अरुणाचल प्रदेश के अन्य जिलों में भी नियमित सर्वेक्षण होते हैं। - क्या इससे स्कूल-कॉलेजों को भी जोड़ा जा रहा है?
हां, जागरूकता अभियान के तहत छात्रों को बर्ड वॉचिंग के लिए प्रेरित किया जा रहा है। - इस रिपोर्ट का उपयोग कैसे किया जाएगा?
नीति निर्माण, संरक्षण योजनाओं और स्थानीय इको-टूरिज्म विकास के लिए डेटा उपलब्ध कराया जाएगा।
📚 संदर्भ सूची (Reference List):
- Arunachal Pradesh Bird Club (APBC)
👉 https://apbirdclub.org (यदि उपलब्ध) - Arunachal Pradesh Forest Department
👉 https://arunachalforest.gov.in - BirdLife International – Species Data
👉 www.birdlife.org - Wetlands International – Asian Waterbird Census
👉 www.wetlands.org - भारत सरकार पर्यावरण मंत्रालय (MoEFCC)👉 www.moef.gov.in
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