Prakriti Darshan | Nature & Environment News | 22 July 2025
गाजीपुर की गंगा नदी में मिला तैरता रहस्यमयी पत्थर वैज्ञानिकों और श्रद्धालुओं के लिए चर्चा का विषय बन गया है। माना जा रहा है कि यह ज्वालामुखीय प्यूमिस हो सकता है, जिसकी जांच BHU और भूवैज्ञानिक संस्थानों में चल रही है। क्या यह प्राकृतिक चमत्कार है या विज्ञान की अनोखी खोज? “Mysterious Stone in Ganga”
यह खबर क्यों चर्चा में है?
गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) की गंगा नदी में हाल ही में एक ऐसा पत्थर मिला है, जो पानी की सतह पर तैरता दिखाई दिया। इस अजीबोगरीब घटना ने स्थानीय लोगों और वैज्ञानिकों दोनों को हैरान कर दिया है। क्या यह प्राकृतिक घटना है या विज्ञान से परे कोई चमत्कार?
पत्थर तैरता कैसे है? वैज्ञानिक क्या कहते हैं? “Mysterious Stone in Ganga”
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह पत्थर प्यूमिस (Pumice) जैसे ज्वालामुखीय पत्थरों का हो सकता है, जिनमें सूक्ष्म वायु छिद्र (air pores) होते हैं, जिससे यह हल्का होकर पानी में तैर सकता है। हालांकि, नमूना परीक्षण के बाद ही सटीक जानकारी मिल पाएगी।
भगवान श्रीराम का चमत्कार है तैरता पत्थर!
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह गंगा का चमत्कार है और इसे पवित्र प्रतीक माना जा रहा है। इस तैरते हुए पत्थर को देखकर सभी अचरज से भरे हुए हैं, लोग इसे भगवान श्री राम का चमत्कार मान रहे हैं। पूजा और अर्चना आरंभ हो गई है। उस तैरते पत्थर के दर्शन को काफी लोग पहुंच रहे हैं। इसे लोग चमत्कार मान रहे हैं। उनका कहना है कि भगवान राम ने जब लंका पर सेतु बनाया था तब भी उस पर जो पत्थर थे वह तैर रहे थे। लोगों का कहना है जैसा हमने सुना है यह बिलकुल रामसेतु के पत्थरों जैसा ही है। फिलहाल इसे लेकर विज्ञान के अपने मत हैं और इसका परीक्षण होना बाकी है। तैरते पत्थर को लेकर सभी जिज्ञासा बनी हुई है लेकिन वैज्ञानिक इसे भूगर्भीय (geological) कारणों से जोड़कर देख रहे हैं।
क्या ऐसे तैरते पत्थर पहले भी मिले हैं? “Mysterious Stone in Ganga”
Andaman, Rameswaram (अंडमान, रामेश्वरम) और Iceland (आइसलैंड) जैसे क्षेत्रों में Pumice stone (प्यूमिस पत्थर) मिल चुके हैं, ज्वालामुखी विस्फोट के बाद जो समुद्र में तैरते पाए जाते हैं। गंगा में यह पहली बार देखा गया है, जिससे वैज्ञानिक अनुसंधान तेज हो गया है।
(FAQs)
1. गाजीपुर में तैरता पत्थर कब मिला?
यह पत्थर जुलाई 2025 में गाजीपुर की गंगा नदी किनारे मछुआरों द्वारा खोजा गया।
2. क्या यह पत्थर वास्तव में तैर रहा है?
हाँ, स्थानीय वीडियो और वैज्ञानिक जांच में यह पानी की सतह पर तैरता देखा गया।
3. क्या यह पत्थर चमत्कार है?
वैज्ञानिक इसे प्राकृतिक घटना मानते हैं, जबकि स्थानीय लोग धार्मिक दृष्टिकोण से देख रहे हैं।
4. वैज्ञानिक इसकी जांच कैसे कर रहे हैं?
नमूनों को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) और राष्ट्रीय भूविज्ञान संस्थान भेजा गया है।
5. क्या यह पत्थर प्यूमिस (Pumice) है?
प्रारंभिक जांच से लगता है कि यह प्यूमिस हो सकता है, लेकिन पुष्टि अभी बाकी है।
6. प्यूमिस क्या होता है?
प्यूमिस एक ज्वालामुखीय पत्थर है जिसमें गैस बुलबुले फंसे होने से यह हल्का हो जाता है और पानी में तैरता है।
7. क्या यह गंगा की धारा को प्रभावित करेगा?
नहीं, यह पत्थर छोटा और हल्का है, धारा पर कोई असर नहीं डालेगा।
8. क्या इसे सुरक्षित किया जाएगा?
हाँ, स्थानीय प्रशासन ने इसे वैज्ञानिक अध्ययन के लिए सुरक्षित किया है।
(FAQs) “Mysterious Stone in Ganga”
9. क्या इससे पर्यावरण को खतरा है?
नहीं, यह प्राकृतिक खनिज है और पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं है।
10. क्या इसे धार्मिक स्थल पर रखा जाएगा?
कुछ लोग इसे मंदिर में रखने की मांग कर रहे हैं, लेकिन वैज्ञानिक अध्ययन के बाद ही निर्णय होगा।
11. क्या पहले भी गंगा में ऐसा पत्थर मिला है?
नहीं, documented रूप से यह पहला मामला है।
12. क्या यह पत्थर प्राकृतिक आपदा से जुड़ा है?
अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है।
13. क्या यह भूगर्भीय बदलाव का संकेत है?
संभव है कि यह किसी दूरस्थ क्षेत्र के ज्वालामुखी पत्थर से गंगा तक पहुंचा हो।
14. क्या यह पत्थर लंबे समय तक तैर सकता है?
यदि यह प्यूमिस है, तो हाँ, महीनों तक तैर सकता है।
निष्कर्ष
गाजीपुर की गंगा में मिला यह तैरता पत्थर वैज्ञानिकों के लिए अनुसंधान का नया विषय बन गया है। यह घटना प्राकृतिक विज्ञान, पर्यावरण अध्ययन और स्थानीय आस्था – तीनों को जोड़ती है। आने वाले महीनों में इसके वैज्ञानिक परिणाम सामने आएंगे।
संदर्भ सूची (References in Hindi)
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) भूगर्भ विज्ञान विभाग
- राष्ट्रीय भूविज्ञान संस्थान (NGSI) की प्रारंभिक रिपोर्ट, जुलाई 2025
- इंडियन एक्सप्रेस, “Floating Stone Found in Ganga – Investigation Begins”, जुलाई 2025
- पर्यावरण मंत्रालय – नदियों और खनिज अध्ययन की रिपोर्ट (2024)
- लोकल न्यूज़ नेटवर्क, गाजीपुर लाइव (जुलाई 2025)
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