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Monsoon

Monsoon – मानसून: अपडेट 2025, मौसमी बदलाव

“Monsoon” अर्थात मानसून, भारतीय उपमहाद्वीप ही नहीं, बल्कि एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण मौसमी बदलाव है। यह न केवल कृषि और जल प्रबंधन को प्रभावित करता है, बल्कि पारिस्थितिकी, मानव जीवन और अर्थव्यवस्था पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। इस लेख में हम Monsoon की परिभाषा, प्रकार, कार्यप्रणाली, प्रभाव, चुनौतियाँ, और जलवायु परिवर्तन से इसके संबंधों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। Monsoon – मानसून: अपडेट 2025, मौसमी बदलाव को समझने के लिए महत्वपूर्ण समय है।

भूमिका: Monsoon का महत्व

“Monsoon” शब्द सुनते ही मानसून की ठंडी बूँदें, खेतों की हरियाली और वर्षा की गूंज मन में गूंजने लगती है। Monsoon केवल मौसम का नाम नहीं, बल्कि जीवन की धड़कन है। भारत जैसे कृषि-प्रधान देश में Monsoon जीवन की दिशा और दशा तय करता है।

क्या है Monsoon ?

Monsoon एक मौसमी पवन प्रणाली है जो गर्मियों और सर्दियों में दिशा बदलती है। यह मुख्यतः दो चरणों में होता है:

ग्रीष्मकालीन मानसून (South-West Monsoon): जून से सितंबर के बीच आता है और भारी वर्षा लाता है।

शीतकालीन मानसून (North-East Monsoon): अक्टूबर से दिसंबर के बीच आता है, विशेषकर तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में वर्षा लाता है।

Monsoon कैसे काम करता है?

1. वायुदाब और तापमान का अंतर

गर्मियों में भूमि तेजी से गर्म हो जाती है जबकि समुद्र अपेक्षाकृत ठंडा रहता है। इससे भूमि पर कम दाब और समुद्र पर उच्च दाब बनता है। हवा समुद्र से भूमि की ओर बहती है और नमी लेकर आती है – यही होता है Monsoon का आरंभ।

2. अरब सागर-बंगाल की खाड़ी की शाखाएं

भारत में South-West Monsoon की दो प्रमुख शाखाएं होती हैं:

अरब सागर शाखा – पश्चिमी घाट और मुंबई, गोवा, केरल को प्रभावित करती है।

बंगाल की खाड़ी शाखा – पूर्वी भारत, असम, बंगाल, बिहार और उत्तर भारत को वर्षा देती है।

Monsoon का भारत पर प्रभाव

1. कृषि पर प्रभाव

भारत की 60% से अधिक कृषि Monsoon पर निर्भर करती है। समय पर और पर्याप्त वर्षा फसलों की सफलता सुनिश्चित करती है।

2. जलाशयों और नदियों का स्तर

Monsoon से ही जलाशय, बांध और नदियाँ भरती हैं, जो सिंचाई, पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए जरूरी हैं।

3. आर्थिक गतिविधियाँ

वर्षा के साथ व्यापार, पर्यटन और ग्रामीण जीवन में तेजी आती है। Monsoon अच्छा हो तो GDP वृद्धि दर पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।

4. जैव विविधता और पर्यावरण

Monsoon वनों, वन्यजीवों और पारिस्थितिक तंत्र को पुनर्जीवित करता है। वर्षा के साथ पेड़-पौधे नई जान पाते हैं।

Monsoon से जुड़ी प्रमुख चुनौतियाँ

1. बाढ़ और जलभराव

भारी Monsoon वर्षा से नदियाँ उफान पर आ जाती हैं और बाढ़ का संकट उत्पन्न होता है।

2. फसल नष्ट होने का खतरा

अत्यधिक वर्षा से खड़ी फसलें जलमग्न हो जाती हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

3. संक्रामक रोगों का प्रकोप

Monsoon के दौरान मलेरिया, डेंगू, टायफाइड जैसी बीमारियाँ तेजी से फैलती हैं।

जलवायु परिवर्तन और Monsoon पर प्रभाव

वर्तमान में Climate Change का प्रभाव मानसून की नियमितता पर भी देखने को मिल रहा है। कभी मानसून समय पर नहीं आता, कभी अत्यधिक वर्षा होती है और कभी लंबा सूखा पड़ता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्लोबल वार्मिंग के चलते मानसून का स्वरूप बदल रहा है:

असमान वर्षा वितरण

अचानक बाढ़ की घटनाएँ

मानसून की अवधि में कमी या वृद्धि

भारत में Monsoon की क्षेत्रवार स्थिति

क्षेत्रMonsoon का प्रभाववर्षा (औसतन)
उत्तर भारतजुलाई से सितंबर80-100 से.मी.
पूर्वी भारतजून से सितंबर120-150 से.मी.
पश्चिमी घाटजून से अगस्त200+ से.मी.
दक्षिण भारतजून से दिसंबर100-120 से.मी.

Monsoon और भारतीय संस्कृति

भारत की संस्कृति में Monsoon का विशेष स्थान है:

संगीत और साहित्य में वर्षा ऋतु पर आधारित रचनाएँ मिलती हैं (जैसे मेघदूत, राग मेघ मल्हार)।

त्योहार – तीज, रक्षाबंधन, ओणम आदिमानसून से जुड़े हैं।

कृषि अनुष्ठान और पूजा-पाठ – किसानों द्वारा वर्षा के स्वागत में विभिन्न अनुष्ठान किए जाते हैं।

Monsoon के लिए तैयारी कैसे करें?

1. शहरी व्यवस्था सुधारें

जलनिकासी, ड्रेनेज सिस्टम और सड़क व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए ताकि जलभराव न हो।

2. किसानों के लिए पूर्वानुमान सेवा

Monsoon से जुड़ी सूचना समय रहते किसानों तक पहुँचे ताकि वे फसलों की रक्षा कर सकें।

3. आपदा प्रबंधन

NDRF और स्थानीय निकायों को बाढ़ और आपात स्थिति के लिए पूरी तैयारी रखनी चाहिए।

Monsoon 2025 Location Update- 2025  मानसून की वर्तमान स्थिति

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मानसून 30 मई 2025 को केरल पहुंच चुका है।

लक्षद्वीप, दक्षिण तमिलनाडु और तटीय कर्नाटक में भी मानसूनी हवाएं सक्रिय हो चुकी हैं।

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में मॉनसून की प्रगति तेज़ है।

मानसून 2025: कब आएगा मानसून? (Monsoon Arrival Dates)

राज्य / क्षेत्र    अनुमानित आगमन तिथि      स्थिति

केरल   30 मई – 2 जून      पहुंच चुका ✅

तमिलनाडु     1 – 4 जून     सक्रिय ✅

कर्नाटक 3 – 6 जून     जारी ✅

महाराष्ट्र (मुंबई) 8 – 11 जून    निकट ✅

मध्य प्रदेश    14 से  18 जून आने की संभावना

उत्तर प्रदेश     20 – 25 जून   प्रतीक्षित

दिल्ली-एनसीआर      27 जून – 1 जुलाई    संभावित

राजस्थान      30 जून – 5 जुलाई    थोड़ा विलंब संभव

पंजाब, हरियाणा 1 – 5 जुलाई   प्रतीक्षित

मानसून 2025 कैसा रहेगा? (Monsoon 2025 Forecast)

मौसम विभाग के अनुसार, मानसून 2025 “सामान्य से थोड़ा अधिक” वर्षा देने वाला हो सकता है।

एल-नीनो प्रभाव कमजोर हो रहा है, जिससे बारिश की संभावना बेहतर है।

उत्तर और पूर्वी भारत – जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड में अच्छी बारिश की संभावना।

पश्चिमी भारत (राजस्थान, गुजरात) में शुरुआती देरी के संकेत।

 कृषि और मानसून 2025 का संबंध

भारत में 60% खेती मानसून वर्षा पर निर्भर है।

अगर मानसून अच्छा रहता है, तो इससे धान, मक्का, कपास जैसी खरीफ फसलों को लाभ होगा।

जल संकटग्रस्त क्षेत्रों – जैसे बुंदेलखंड, मराठवाड़ा – में मानसून जीवनदायिनी हो सकती है।

राज्यवार विशेष स्थिति (State-wise Highlights)

महाराष्ट्र और गुजरात

प्री-मानसून की बारिश कमजोर।

10 जून के बाद मानसून सक्रिय होने की संभावना बताई जा रही है।

मुंबई में 12 जून तक अच्छी बारिश की संभावना।

उत्तर भारत (UP, बिहार, दिल्ली)

अंतिम सप्ताह जून के में मानसून के पहुंचने की संभावना बताई जा रही है। कभी-कभार तेज़ धूल भरी आंधियों के बाद मानसूनी बौछारें शुरू होंगी।

 पूर्वोत्तर भारत (असम, मेघालय, नागालैंड)

मानसून सक्रिय।

स्थानीय बाढ़ और भूस्खलन का अलर्ट।

 IMD अलर्ट और सुझाव (Alerts & Advisory)

IMD ने येलो अलर्ट जारी किया है दक्षिणी राज्यों में भारी वर्षा के लिए।

पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका।

शहरी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति से सावधान रहने की सलाह।

निष्कर्ष (Conclusion)

“Monsoon” केवल एक मौसमी घटना नहीं, बल्कि हमारे जीवन, संस्कृति, कृषि और भविष्य का निर्धारक तत्व है। इसकी महत्ता को समझते हुए हमें इसके लाभों को संरक्षित करने और चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक जागरूकता और तैयारी की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन के इस युग में Monsoon की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

FAQs – Monsoon से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. Monsoon कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: भारत में मुख्यतः दो प्रकार के Monsoon होते हैं – दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्तर-पूर्व मानसून।

Q2. Monsoon भारत में कब आता है?
उत्तर: दक्षिण-पश्चिम Monsoon जून के पहले सप्ताह में केरल से शुरू होता है और सितंबर तक चलता है।

Q3. Monsoon और बारिश में क्या अंतर है?
उत्तर: बारिश एक मौसमीय घटना है जबकि Monsoon एक मौसमी प्रणाली है जो लंबी अवधि तक चलती है और बड़ी मात्रा में वर्षा लाती है।

Q4. क्या Monsoon की भविष्यवाणी संभव है?
उत्तर: हाँ, मौसम विभाग (IMD) आधुनिक तकनीकों की सहायता से Monsoon की पूर्वानुमान करता है।

Q5. क्या Monsoon का असर केवल कृषि पर होता है?
उत्तर: नहीं, Monsoon का असर परिवहन, उद्योग, स्वास्थ्य, पर्यावरण और आर्थिक गतिविधियों पर भी होता है।

Q6 मानसून 2025 कब शुरू होगा?
A. केरल में मानसून 30 मई को पहुंच चुका है। अन्य राज्यों में जून मध्य से जुलाई तक पहुंचेगा।

Q7. क्या मानसून इस साल सामान्य रहेगा?
A. हां, IMD के अनुसार सामान्य से थोड़ा अधिक वर्षा की संभावना है।

Q8. उत्तर भारत में मानसून कब पहुंचेगा?
A. दिल्ली और उत्तर भारत में मानसून 27 जून से 5 जुलाई के बीच पहुंच सकता है।

Q9. किसानों को क्या सलाह है?
A. 2-3 अच्छी वर्षा होने तक बुवाई में देरी करें। मानसूनी गतिविधि की स्थानीय रिपोर्ट पर ध्यान दें। और अधिक जानकारी के लिए आप सरकार की साइट पर अपडेट रहें।

References (संदर्भ)

  1. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) – www.imd.gov.in
  2. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) – www.icar.org.in
  3. United Nations Environment Programme (UNEP)
  4. IPCC Climate Report 2023
  5. “Monsoon: The Indian Climate System” – National Geographic
  6. ·  भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD): https://mausam.imd.gov.in
  7. ·  स्काइमेट वेदर सर्विस: https://www.skymetweather.com
  8. ·  NDTV Weather Update – जून 2025
  9. ·  इंडिया टुडे मौसम रिपोर्ट्स – जून 2025
  10. ·  डाउन टू अर्थ (Down to Earth) मानसून रिपोर्ट – 2025
  11. ·  लोकल न्यूज चैनल मौसम बुलेटिन – ABP News, Zee News, AajTak

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