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jal jeevan mission: हर घर जल

jal jeevan mission: हर घर जल

जल जीवन मिशन jal jeevan mission भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसे 2019 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य 2024 तक भारत के सभी ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से शुद्ध और पर्याप्त पेयजल पहुंचाना है। यह मिशन न केवल बुनियादी ढांचे पर केंद्रित है, बल्कि जल गुणवत्ता, सामुदायिक सहभागिता और जल संरक्षण जैसे अहम मुद्दों को भी शामिल करता है। यह मिशन ग्रामीण भारत में जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक कदम है।

जल ही जीवन है

भारत जैसे – देश में भी कई क्षेत्रों में संकट देखने को मिलता है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों को दूर-दूर तक पानी लाने के लिए जाना पड़ता है। jal जीवन मिशन jal jeevan mission का उद्देश्य है हर घर तक पाइप के माध्यम से शुद्ध पानी पहुंचाना ताकि हर नागरिक को स्वच्छता, स्वास्थ्य और गरिमा का अधिकार मिले।

मिशन का उद्देश्य: हर घर जल

इस मिशन के मुख्य लक्ष्य हैं:

  • हर ग्रामीण घर में नल कनेक्शन देना
  • शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित करना
  • स्थायी जल स्रोतों का संरक्षण
  • ग्राम पंचायतों और VWSCs को सशक्त बनाना
  • स्थानीय स्तर पर जल गुणवत्ता परीक्षण की व्यवस्था

यह मिशन केवल नल जोड़ने का नहीं बल्कि आत्मनिर्भर जल प्रबंधन व्यवस्था स्थापित करने का एक प्रयास है।

सामुदायिक भागीदारी और आत्मनिर्भरता

जल जीवन मिशन jal jeevan mission की सफलता में स्थानीय समुदायों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके अंतर्गत:

  • गांव स्तर पर वॉटर एंड सैनिटेशन कमेटियां बनाई जा रही हैं
  • यह तय किया जा रहा है महिलाओं की भागीदारी इसमें अधिक कैसे हो।
  • स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें जल योद्धा बनाया जा रहा है

उम्मीद की जा रही है कि इससे दीर्घकालिक स्थिरता लाने की ओर अग्रसर हो सकेंगे।

जल संरक्षण और तकनीकी नवाचार

मिशन के अंतर्गत पारंपरिक जल स्रोतों के पुनर्जीवन और आधुनिक तकनीकों के समावेश पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है:

  • इसे अधिक से अधिक वर्षा के जल को संग्रहित करने की ओर भी ध्यान दिया जा रहा है।
  • गांवों में जल गुणवत्ता परीक्षण किट्स वितरित की जा रही हैं
  • GIS मैपिंग और रिमोट सेंसिंग तकनीकों का उपयोग
  • IoT आधारित जल निगरानी सिस्टम की स्थापना

अवलोकन: मिशन का जमीनी प्रभाव

  • स्वास्थ्य सुधार: स्वच्छ जल से जलजनित रोगों में कमी
  • महिलाओं का सशक्तिकरण: जल आपूर्ति से महिलाओं का समय और श्रम बचा
  • शिक्षा में सुधार: लड़कियों की स्कूल उपस्थिति में वृद्धि
  • आर्थिक लाभ: इलाज में होने वाला खर्च कम हुआ और उत्पादकता बढ़ी

जल जीवन मिशन jal jeevan mission में सेक्टर पार्टनर क्या हैं?

सेक्टर पार्टनर वे संस्थाएं, एनजीओ, शैक्षणिक संस्थान, टेक्नोलॉजी प्रदाता, और कॉर्पोरेट संगठन हैं जो जल जीवन मिशन jal jeevan mission के विभिन्न चरणों में तकनीकी, वित्तीय, या सामाजिक सहायता प्रदान करते हैं। इनकी भागीदारी से योजना की निगरानी, कार्यान्वयन और समुदाय में जागरूकता लाने जैसे कई कार्य आसान और प्रभावशाली बनते हैं।

मुख्य भूमिकाएं:

  • तकनीकी सहायता और इनोवेशन लाना
  • जल गुणवत्ता निगरानी और मूल्यांकन
  • सामुदायिक भागीदारी बढ़ाना
  • जल संरक्षण के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चलाना
  • सामाजिक ऑडिट और पारदर्शिता सुनिश्चित करना

जल जीवन मिशन jal jeevan mission में सेक्टर पार्टनरों की भूमिका

सेक्टर पार्टनर गांव स्तर पर ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (VWSC) को प्रशिक्षित करते हैं, ताकि स्थानीय स्तर पर जल स्रोतों की देखरेख, मरम्मत और प्रबंधन किया जा सके।

वे महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे जल प्रबंधन में जमीनी स्तर पर स्थायी विकास सुनिश्चित हो सके।

इसके अलावा, जल गुणवत्ता की जांच के लिए क्षेत्रीय लैब्स की स्थापना, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग तकनीक का प्रचार, और डेटा आधारित मॉनिटरिंग के लिए डिजिटल उपकरण उपलब्ध कराना भी इनकी जिम्मेदारी है।

राज्यवार स्वीकृत बजट (अब तक की स्थिति)

जल जीवन मिशन jal jeevan mission के तहत केंद्र सरकार राज्यों को बजट उपलब्ध कराती है। प्रत्येक राज्य को उसके भौगोलिक क्षेत्र, ग्रामीण आबादी, और पानी की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखकर अनुदान दिया जाता है।

कुछ प्रमुख राज्यवार बजट (2024 तक):

  • उत्तर प्रदेश: ₹10,870 करोड़
  • राजस्थान: ₹9,400 करोड़
  • मध्य प्रदेश: ₹6,750 करोड़
  • बिहार: ₹8,200 करोड़
  • तमिलनाडु: ₹4,890 करोड़

यह बजट ग्रामीण जल आपूर्ति योजनाओं की योजना, कार्यान्वयन, मॉनिटरिंग और समुदायिक भागीदारी के कार्यों में खर्च किया जाता है।

जल जीवन मिशन सेमिनार एवं प्रशिक्षण

जल जीवन मिशन jal jeevan mission के अंतर्गत नियमित रूप से सेमिनार, वर्कशॉप और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाते हैं जिनका उद्देश्य है:

  • ग्रामीण समुदायों में जल प्रबंधन के प्रति जागरूकता लाना
  • VWSC के सदस्यों को क्षमता निर्माण देना
  • जल गुणवत्ता परीक्षण के लिए महिला स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करना
  • डिजिटल टूल्स और पोर्टल्स के प्रयोग को बढ़ावा देना

इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से स्थानीय लोगों की क्षमता में वृद्धि होती है और वे अपने गांव की जल योजनाओं में सक्रिय योगदान देने में सक्षम होते हैं।

जल जीवन मिशन में तीन सफल राज्यों का विवरण

1. गुजरात: गुजरात ने 2023 तक 90% से अधिक ग्रामीण घरों में नल से जल कनेक्शन सुनिश्चित कर लिया। राज्य ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के साथ सौर ऊर्जा आधारित जल आपूर्ति सिस्टम को अपनाया, जिससे दूरदराज के गांवों तक भी स्वच्छ जल पहुंचा।

2. हरियाणा: हरियाणा पहला राज्य बना जिसने 100% FHTC लक्ष्य को समय से पहले प्राप्त किया। इसने ‘मेरा पानी, मेरी विरासत’ जैसे अभियानों से जल संरक्षण और जागरूकता को जन आंदोलन में बदला।

3. गोवा: गोवा ने सबसे पहले 100% नल जल कनेक्शन देने वाले राज्यों में स्थान पाया। उसने जल परीक्षण के लिए मोबाइल लैब्स शुरू कीं और हर ग्राम पंचायत में जल सुरक्षा योजना लागू की।

सुझाव: जल जीवन मिशन को और प्रभावी कैसे बनाया जाए?

  1. स्थायी जल स्रोतों का संरक्षण: वर्षा जल संचयन, पारंपरिक जल स्रोतों का पुनरुद्धार, और वनों की कटाई पर रोक अनिवार्य होनी चाहिए।
  2. सामुदायिक निगरानी प्रणाली: गांव स्तर पर जल निगरानी समितियां बनें जो नियमित रूप से जल गुणवत्ता और आपूर्ति की स्थिति पर रिपोर्ट दें।
  3. पानी की बर्बादी पर रोक: घरेलू और सार्वजनिक स्तर पर पानी की बर्बादी रोकने के लिए अभियान चलाए जाएं। स्कूलों और पंचायत भवनों में जागरूकता दी जाए।
  4. तकनीक का प्रयोग बढ़े: सेंसर आधारित मॉनिटरिंग, मोबाइल एप, और GIS मैपिंग से योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ सकती है।
  5. महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना: महिलाओं को जल समितियों की अध्यक्षता दी जाए और निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल किया जाए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. जल जीवन मिशन jal jeevan mission  की अंतिम समय सीमा क्या है?

उत्तर: मिशन का लक्ष्य 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचाना है।

2. इस मिशन को कौन लागू कर रहा है?

उत्तर: इसे जल शक्ति मंत्रालय, राज्य सरकारों और ग्राम पंचायतों के सहयोग से लागू किया जा रहा है।

3. जल गुणवत्ता की जांच कैसे होती है?

उत्तर: गांव स्तर पर फील्ड टेस्ट किट्स और प्रमाणित लैब्स के माध्यम से जल गुणवत्ता की जांच की जाती है।

4. क्या वर्षा जल संचयन भी इसमें शामिल है?

उत्तर: हां, मिशन के तहत वर्षा जल संचयन और ग्रे वाटर प्रबंधन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

5. आम नागरिक कैसे योगदान दे सकते हैं?

उत्तर: जागरूकता अभियान, स्वयंसेवी कार्य, और जल संरक्षण के व्यवहार अपनाकर।

निष्कर्ष: जल संरक्षण एक जन आंदोलन

जल जीवन मिशन एक सरकारी योजना से बढ़कर जन आंदोलन बन चुका है। यह पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक स्थिरता की दिशा में एक ठोस प्रयास है। हमें इसे केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं मानना चाहिए, बल्कि हर नागरिक को इस मिशन का हिस्सा बनना चाहिए। जल जीवन मिशन केवल एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इस योजना की सफलता तभी संभव है जब सरकार, समाज, तकनीक और समुदाय मिलकर जल संरक्षण और प्रबंधन को एक साझा जिम्मेदारी मानें। सेक्टर पार्टनरों की भूमिका इस दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है, जो इस मिशन को सतत और समावेशी बना सकती है।

जल बचाओ, जीवन बचाओ — यही प्रकृति दर्शन की भावना है। आइए, इस अभियान को घर-घर पहुंचाएं और जलसुरक्षित भारत के निर्माण में योगदान दें।

संदर्भ

  1. जल जीवन मिशन – https://jaljeevanmission.gov.in
  2. भारत सरकार की प्रेस विज्ञप्ति
  3. नीति आयोग – जल प्रबंधन रिपोर्ट्स
  4. WHO & UNICEF जल स्वच्छता रिपोर्ट्स
  5. प्रकृति दर्शन के पूर्ववर्ती अंक

लेखक: संदीप कुमार शर्मा
प्रधान संपादक, प्रकृति दर्शन, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ नेचर एंड एनवायरनमेंट (ISSN: 2581-83921)

Sandeep Kumar Sharma
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