Prakriti Darshan | Nature & Environment News | 11 July 2025
दुनिया के बांध और पृथ्वी की ध्रुवीय दिशा में क्या संबंध है?
हाल ही में हुए एक चौंकाने वाले वैज्ञानिक शोध ने यह खुलासा किया है कि दुनिया भर में बनाए गए विशाल बांधों में जमा किया गया पानी इतना भारी हो गया है कि उसने पृथ्वी के घूमने की दिशा को ही बदल दिया है। यह बदलाव पृथ्वी की ध्रुवीय स्थिति में स्थानांतरण के रूप में दर्ज किया गया है। “Humans have shifted the Earth’s axis!”
इस शोध के मुताबिक क्या नवीनतम जानकारी सामने आई है?
2023 में “Geophysical Research Letters” नामक प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, वैज्ञानिकों ने पाया कि 1993 से 2010 के बीच पृथ्वी के घूर्णन ध्रुव (rotational pole) लगभग 80 सेंटीमीटर पूर्व की ओर खिसक गए। इसका प्रमुख कारण है दुनिया भर में बनाए गए मानव निर्मित जलाशयों (reservoirs) में जमा 6500 क्यूबिक किलोमीटर से अधिक पानी।
और क्या-क्या बताया गया है इस शोध में?
- विशाल बांधों और जलाशयों में जमा किया गया यह पानी पहले समुद्रों और नदियों का हिस्सा था, जिसे इंसानों ने स्थायी रूप से स्थानांतरित कर दिया।
- पृथ्वी की घूर्णन धुरी (axis of rotation) पर यह परिवर्तन इतना सूक्ष्म होने के बावजूद जलवायु प्रणाली, समुद्र तल के स्तर और GPS जैसी तकनीकों को प्रभावित कर सकता है।
- यह ध्रुवीय परिवर्तन अब तक पिघलते ग्लेशियरों और जलवायु परिवर्तन से जोड़ा जाता था, लेकिन अब मानव निर्मित संरचनाएं भी एक बड़ा कारक बनकर सामने आई हैं।
यह खोज क्यों महत्वपूर्ण है? “Humans have shifted the Earth’s axis!”
यह शोध यह दर्शाता है कि मानव क्रियाएं अब न केवल स्थानीय पर्यावरण को बल्कि पूरी पृथ्वी की भौगोलिक स्थिति को भी बदल रही हैं। बांध जहां ऊर्जा और सिंचाई के लिए उपयोगी हैं, वहीं वे वैश्विक संतुलन पर अनजाने प्रभाव भी डाल रहे हैं।
क्या यह एक खतरे की घंटी है? “Humans have shifted the Earth’s axis!”
हालांकि यह ध्रुव परिवर्तन कोई सीधा खतरा नहीं उत्पन्न करता, लेकिन यह स्पष्ट करता है कि:
- हमें बड़ी परियोजनाओं की सततता (sustainability) को गंभीरता से लेना चाहिए,
- पृथ्वी पर हो रहे धीरे लेकिन गहरे बदलावों को समझना आवश्यक है।
महत्त्वपूर्ण FAQs :
1. पृथ्वी की ध्रुवीय दिशा में परिवर्तन क्या है?
यह वह बदलाव है जिसमें पृथ्वी का घूमने का अक्ष अपने सामान्य स्थान से थोड़ा हट जाता है।
2. यह बदलाव कितना हुआ है?
1993 से 2010 के बीच पृथ्वी के ध्रुव लगभग 80 सेंटीमीटर पूर्व की ओर खिसक गए हैं।
3. इस बदलाव का कारण क्या है?
दुनिया भर में बांधों में संग्रहित पानी की भारी मात्रा इसके लिए ज़िम्मेदार बताई गई है।
4. यह शोध किसने किया है?
सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है।
5. क्या यह बदलाव खतरनाक है?
सीधे तौर पर नहीं, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभाव ज़रूर हो सकते हैं।
6. क्या यह जलवायु परिवर्तन से जुड़ा हुआ है?
जी हां, लेकिन यह खोज दिखाती है कि मानव निर्मित संरचनाएं भी अब बड़ा असर डाल रही हैं।
7. इस शोध में कौन-कौन से बांध शामिल किए गए हैं?
एशिया और उत्तरी अमेरिका के बड़े-बड़े बांध जैसे कि थ्री गॉर्जेस डैम (चीन) शामिल हैं।
8. क्या पृथ्वी की गति धीमी हुई है?
नहीं, लेकिन उसका संतुलन जरूर प्रभावित हुआ है।
9. क्या यह बदलाव उपग्रह नेविगेशन को प्रभावित कर सकता है?
हां, GPS जैसी प्रणालियों को इसकी गणना में परिवर्तन करना पड़ता है।
FAQs :
10. क्या यह पहला ऐसा शोध है?
इस तरह का यह पहला व्यापक शोध है जिसने मानव गतिविधियों को ध्रुव परिवर्तन से जोड़ा है।
11. क्या भविष्य में यह बदलाव और तेज़ हो सकता है?
अगर बड़े जलाशयों का निर्माण इसी तरह होता रहा तो हां।
12. वैज्ञानिक इसे कैसे मापते हैं?
उपग्रहों, GPS डेटा और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण माप (GRACE Satellites) से।
13. क्या यह समुद्र स्तर को भी प्रभावित करता है?
हां, क्योंकि जलवायु संतुलन बदलने से समुद्री प्रवाह और तापमान प्रभावित होते हैं।
14. क्या भारत के बांधों का भी असर पड़ा है?
संभावना है, क्योंकि भारत में भी कई बड़े जलाशय बनाए गए हैं।
15. हमें क्या करना चाहिए?
स्थायी विकास (Sustainable Development) की नीति अपनानी चाहिए ताकि पर्यावरणीय संतुलन बना रहे।
स्रोत / References:
- Clark, P.U., et al. (2023). Geophysical Research Letters, AGU Publications.
- NASA Earth Observatory – earthobservatory.nasa.gov
- National Geographic Report on Earth’s Axis Shift
- BBC Earth – Impact of Reservoirs on Earth’s Mass Distribution
- The Guardian – How Dams Shift the Planet’s Poles
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