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Gharial Conservation- Prakriti Darshan- Nature and Environment Magazine

Gharial Conservation- भारत का नया घड़ियाल संरक्षण केंद्र बन रहा है गंडक नदी पर: घड़ियाल की विशेषताएं, जैव विविधता में भूमिका

बिहार की गंडक नदी पर घड़ियालों के संरक्षण हेतु एक नया घड़ियाल संरक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है। यह परियोजना न केवल संकटग्रस्त प्रजाति घड़ियाल के जीवन को सुरक्षित करने की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि गंडक नदी की पारिस्थितिकी को पुनर्जीवित करने में भी मददगार होगी। यह केंद्र देश में चल रहे अन्य संरक्षण परियोजनाओं से कैसे जुड़ा है और जैव विविधता में घड़ियाल की भूमिका क्या है, इस खबर में हम विस्तार से समझेंगे। “Gharial Conservation”

Gharial Conservation- Prakriti Darshan- Nature and Environment Magazine

प्रमुख प्रश्नों के आधार पर समाचार (News in Question Format)

 गंडक नदी पर घड़ियाल संरक्षण केंद्र की ताज़ा जानकारी क्या है?

बिहार के वाल्मीकि नगर के समीप गंडक नदी पर भारत का एक नया घड़ियाल संरक्षण केंद्र बनने जा रहा है। यह परियोजना बिहार वन विभाग, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और संरक्षण संस्थाओं के सहयोग से प्रारंभ की जा रही है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक प्रजनन और पुनर्वास के ज़रिए घड़ियालों की घटती संख्या को फिर से बढ़ाना है।

 भारत में घड़ियाल संरक्षण के लिए और किन हिस्सों में कार्य किया जा रहा है? “Gharial Conservation”

  • चंबल नदी (मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान): सबसे बड़ा घड़ियाल आबादी केंद्र
  • रामगंगा नदी (उत्तराखंड)
  • सोन नदी (बिहार)
  • महानदी (ओडिशा)
  • गंगा नदी के विशेष क्षेत्र
    इन सभी क्षेत्रों में घड़ियाल प्रजनन केंद्र, संरक्षण परियोजनाएं, और पुनर्वास योजनाएं चल रही हैं।

घड़ियाल क्या होता है और इसकी प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?

  • घड़ियाल (Gavialis gangeticus) एक लंबी नाक वाला मगरमच्छ प्रजाति है।
  • केवल मछली खाता है, इसलिए इंसानों के लिए हानिकारक नहीं है।
  • मादा घड़ियाल 30 से 50 अंडे देती है, और नदी के किनारे रेत में घोंसला बनाती है।
  • घड़ियाल की पहचान उसका लंबा पतला जबड़ा और मछली पकड़ने की दक्षता से होती है।

घड़ियाल जैव विविधता में क्या भूमिका निभाता है? “Gharial Conservation”

घड़ियाल नदी पारिस्थितिकी तंत्र में शीर्ष शिकारी की भूमिका निभाता है। वह मछली खाने से मछलियों की आबादी को संतुलित रखता है, जिससे जलीय पारिस्थितिकी संतुलित रहती है। इसके अलावा, इसका अस्तित्व स्वस्थ नदी प्रणाली का संकेतक है।

 घड़ियाल आज विलुप्त होने की कगार पर क्यों है?

  • रेत खनन,
  • अवैध शिकार,
  • बांध और बैराज निर्माण से आवास नष्ट होना,
  • जल प्रदूषण,
  • मछलियों की कमी
    ये सभी कारण घड़ियालों की संख्या में गिरावट के लिए ज़िम्मेदार हैं।

  अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. घड़ियाल क्या होता है?
    यह एक जलचरी मगरमच्छ प्रजाति है जिसकी नाक पतली और लंबी होती है।
  2. घड़ियाल और मगरमच्छ में क्या फर्क है?
    घड़ियाल की नाक लंबी और पतली होती है और यह केवल मछली खाता है, जबकि मगरमच्छ मांसाहारी होता है।
  3. घड़ियाल कहाँ पाए जाते हैं?
    भारत, नेपाल और बांग्लादेश की कुछ नदियों में।
  4. क्या घड़ियाल इंसानों के लिए खतरनाक है?
    नहीं, यह इंसानों से दूर रहता है और केवल मछली खाता है।
  5. भारत में सबसे ज़्यादा घड़ियाल कहाँ पाए जाते हैं?
    चंबल नदी में।
  6. गंडक नदी पर बनने वाला केंद्र कब शुरू होगा?
    इसके निर्माण की प्रक्रिया 2025 के अंत तक पूरी होने की संभावना है।
  7. इस केंद्र की विशेषताएं क्या होंगी?
    प्राकृतिक प्रजनन केंद्र, कृत्रिम सैंक्चुअरी, युवा घड़ियालों का पुनर्वास, निगरानी तंत्र।
  8. क्या यह केंद्र आम लोगों के लिए खुला रहेगा?
    हां, जागरूकता के लिए पर्यटन और शिक्षा केंद्र भी होंगे।
  9. इस परियोजना से कौन-कौन सी संस्थाएं जुड़ी हैं?
    बिहार वन विभाग, डब्लूडब्लूएफ, डब्ल्यूआईआई, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय।

(FAQs)

  1. क्या गंडक नदी का जलवायु घड़ियालों के लिए अनुकूल है?
    हां, यहां की रेत और मछलियों की प्रचुरता इसे आदर्श आवास बनाती है।
  2. घड़ियाल संरक्षण से स्थानीय लोगों को क्या लाभ होगा?
    रोजगार, पर्यटन, शिक्षा और जैविक विविधता के संरक्षण का लाभ मिलेगा।
  3. क्या घड़ियालों को पुनर्वासित भी किया जाएगा?
    हां, इस केंद्र में युवा घड़ियालों को पालकर प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाएगा।
  4. घड़ियाल के विलुप्त होने से क्या होगा?
    नदी पारिस्थितिकी असंतुलित होगी, मछलियों की अधिकता से अन्य प्रजातियों पर असर पड़ेगा।
  5. क्या स्कूल-कॉलेजों में इसके बारे में जागरूकता फैलाई जाएगी?
    हां, पर्यावरण शिक्षा के तहत केंद्र द्वारा शैक्षिक यात्राएं आयोजित की जाएंगी।
  6. क्या भविष्य में अन्य राज्यों में भी ऐसे केंद्र बन सकते हैं?
    हां, यदि गंडक परियोजना सफल होती है तो अन्य नदियों पर भी ऐसे केंद्र बनाए जाएंगे।

🔍 संदर्भ सूची (Reference List):

  1. भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India)
    👉 www.wii.gov.in
  2. बिहार राज्य वन विभाग
    👉 www.environment.bih.nic.in
  3. वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF India)
    👉 www.wwfindia.org
  4. IUCN Red List – Gharial species status
    👉 www.iucnredlist.org
  5. “Gharial Conservation Alliance” रिपोर्ट्स एवं रीसर्च
    👉 www.gharialconservation.org

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