Prakriti Darshan | Nature & Environment News | 14 July 2025
अणु घड़ियों द्वारा देखा गया है कि पृथ्वी की रोटेशन स्पीड बढ़ रही है। यह एक बेहद अहम परिवर्तन हो रहा है, हालांकि वैज्ञानिक इस पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं। अभी देखना बाकी है कि इससे क्या कुछ बदलेगा या नहीं बदलेगा। अभी रिसर्च जारी है और भविष्य में इसे लेकर अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं। “Earth Rotation Speed”

क्या सच में पृथ्वी की रोटेशन स्पीड बढ़ रही है?
हाँ, हाल ही में अणु घड़ियों द्वारा देखा गया है कि जुलाई और अगस्त 2025 में पृथ्वी के दिन तीन बार 1.3–1.5 मिलीसेकंड छोटे रहे। उदाहरण: 9 जुलाई को दिन लगभग 1.3 ms कम था ।
वैज्ञानिकों ने यह वृद्धि कैसे दर्ज की? “Earth Rotation Speed”
इसमें 450 से अधिक अणु घड़ियाँ (atomic clocks) भूमिका निभाती हैं, जो ब्रह्मांडीय समय (UTC) और पृथ्वी की वास्तविक स्पिन की तुलना करती हैं ।
यह बदलाव कितने असामान्य हैं?
यह असाधारण नहीं, लेकिन हाल के वर्षों में यह रुझान बढ़ गया है; जैसे 5 जुलाई 2024 को रिकॉर्ड छोटा दिन (1.66 ms) दर्ज हुआ था ।
रोटेशन तेज़ होने का मुख्य कारण क्या है? “Earth Rotation Speed”
सुनसान कारण लूनर गुरुत्वाकर्षण प्रभाव हैं – चंद्रमा की कक्षा और झुकाव (inclination) का संयोजन इस समय तेज़ स्पिन का कारण लगता है ।
क्या जलवायु परिवर्तन इसका कारण है?
आंशिक रूप से, जलवायु परिवर्तन जैसे ग्लेशियरों के पिघलने से पृथ्वी की ध्रुवीय लालाभिसरण बदलता है, परंतु यह मुख्य रूप से पृथ्वी को धीमा करता है, तेज नहीं ।
आंतरिक धरती प्रक्रियाओं का क्या योगदान है?
पृथ्वी का भीतरी द्रव कोर और मैनीटल के रूपांतरण इसके स्पिन की अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं ।
क्या इसे हम महसूस कर सकते हैं?
नहीं, 1–2 मिलीसेकंड का अंतर मानव-इंद्रिय द्वारा महसूस नहीं होता, लेकिन टाइम-संवेदनशील सिस्टमों पर असर हो सकता है ।
इस वृद्धि से तकनीकी प्रणालियों को क्या होता है?
GPS, टेलिकॉम, वित्तीय नेटवर्क, कंप्यूटर टाइमिंग आदि प्रभावित हो सकते हैं; इसलिए अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियाँ “लीप सेकंड” में समायोजन करती हैं ।
क्या लीप सेकंड इस बार जोड़ा जाएगा या हटाया जाएगा?
वैज्ञानिकों ने 2029 के आसपास नेगेटिव लीप सेकंड (−1 s) जोड़ने की संभावना जताई है, क्योंकि स्पिन तेज होना UTC को आगे बढ़ाता है ।
क्या नेगेटिव लीप सेकंड कभी पहले हुआ है?
नहीं, यह इतिहास में पहली बार हो सकता है, जिसे चुनौतिपूर्ण और तकनीकी संवेदनशील माना जाता है ।
क्या मानव गतिविधियाँ भी जिम्मेदार हो सकती हैं?
अभी वैज्ञानिक सहमति नहीं है, पर जलवायु परिवर्तन से भूमिगत जल और ग्लेशियर कैंस्ट्रिब्यूशन हो सकता है ।
क्या यह प्रवृत्ति बनी रहेगी?
संभावना है कि 2020 से शुरू हुई यह तेज़ रोटेशन कुछ दशकों तक जारी रहे, फिर सामान्य धीमा रुझान वापसी करेगा ।
क्या मानव जीवन पर सीधे प्रभाव होगी?
नहीं, सीधा असर नहीं होगा, लेकिन टाइम-डिपेंडेंट सिस्टमों के लिए समय-संयोजन जरूरी रहेगा।
भविष्य में और किन घटनाओं की प्रतीक्षा करनी होगी?
आगामी बड़े भूकंप, जलवायु संबंधी बदलाव, या चंद्रमा की अन्य असमानताएं भी स्पिन को प्रभावित कर सकती हैं।
हम और क्या जानना चाहेंगे?
वैज्ञानिक अभी सटीक कारण और भविष्य का अनुमान लगाने हेतु अध्ययन कर रहे हैं; जानना बुद्धिमत्तापूर्ण रहेगा।
वैज्ञानिकों की राय (Opinion of Scientists)
- Leonid Zotov (मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी): “अंदरूनी प्रक्रियाएँ जिम्मेदार हो सकती हैं” Popular Mechanics।
- Richard Holme (लिवरपूल के भूभौतिकीविद्): “वातावरण व ग्लोबल मैस ट्रांसफर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं” unionrayo.com+2Live Science+2TIME+2।
- समय-समय पर IERS (International Earth Rotation & Reference Systems Service) नेशनल एजेंसी इसे दृढ़ता से मॉनिटर कर रही है Wikipedia+7TIME+7unionrayo.com+7।
🌍 संभावित प्रभाव (Possible Effects)
क्षेत्र | प्रभाव |
GPS & संचार | टाइम सिंक्रोनाइजेशन में माइनर स्क्रीनशॉट — नियमित अपडेट जरूरी |
वित्तीय लेनदेन | टाइमस्टैम्प विसंगति — सटीक टाइमस्टैम्पिंग ज़रूरी |
वैज्ञानिक अनुसंधान | अंतरिक्ष विज्ञान व भूगर्भीय अध्ययन प्रभावित हो सकते हैं |
समय माप प्रणाली | नेगेटिव लीप सेकंड आने से समय मानक प्रणाली पर पुनः विचार होगा |
निष्कर्ष (Summary)
इस गर्मी में पृथ्वी के दिन तीन बार 1.3–1.5 ms छोटे रहे — यह चंद्रमा की विशेष स्थिति, आंतरिक प्रक्रियाएँ और जलवायु से जुड़ी अनियमितताओं का परिणाम माना जा रहा है। यह मानव जीवन को सीधे प्रभावित नहीं करता, पर टाइम-सिंक्रोनस तकनीकी प्रणालियों को सतर्क रखता है। वैज्ञानिक अभी भी आगे अध्ययन कर रहे हैं, और हो सकता है भविष्य में नेगेटिव लीप सेकंड की आवश्यकता पड़े।
FAQs “Earth Rotation Speed”
- क्या पृथ्वी जल्दी घूम रही है? – हाँ, इस वर्ष के तीन दिनों में 1.3–1.5 ms ज्यादा तेज़ स्पिन दर्ज हुआ।
- यह कैसे मापा गया? – अणु घड़ियों और IERS द्वारा।
- इन दिनों की तारीख क्या है? – 9 जुलाई, 22 जुलाई, 5 अगस्त 2025।
- प्रमुख कारण क्या है? – चंद्रमा की कक्षा झुकाव और गुरुत्वाकर्षण।
- क्या जलवायु इसका कारण है? – आंशिक रूप से हो सकता है, लेकिन मुख्य नहीं।
- नेगेटिव लीप सेकंड क्या होता है? – समय घटाना — पहली बार संभव।
- यह कितनी देर तक रहेगा? – वैज्ञानिक-अनुमान हैं कि यह रुझान अगले दशकों तक जारी रह सकता है।
- क्या तकनीकी सिस्टम प्रभावित होंगे? – जीपीएस, वित्तीय और वैज्ञानिक प्रणालियों को अलर्ट चाहिए।
- क्या इसे हम महसूस कर सकते हैं? – नहीं, यह परिवर्तन इंसानी समवेग सीमा से बहुत कम है।
FAQs
- भविष्य में और तेज़ दिन आ सकते हैं? – संभावित है, अन्य चंद्र या भूकंपीय घटनाएँ इसकी वजह बन सकती हैं।
- क्या पृथ्वी धीमी स्पिन पर लौटेगी? – हाँ, अरबों वर्षों में रुझान धीमा रहेगा।
- क्या लीप सेकंड हटाना सामान्य बन जाएगा? – 2030 तक समय मानक में बदलाव हो सकता है।
- क्या इससे मानव स्वास्थ्य प्रभावित होगा? – नहीं, स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं।
- क्या भूकंपों से स्पिन बदलता है? – हां, बड़ी पराश्रवण से माइक्रोसेकंड स्तर पर असर होता है।
- इस पर और जानकारी कहां मिले? – IERS और वैज्ञानिक जर्नलों से नियमित अपडेट मिलते रहते हैं।
📚 संदर्भ सूची (References)
- Earth’s Rotation Is Speeding up this Summer… sciencefocus.com+15TIME+15Popular Mechanics+15
- Washington Post report on shorter days washingtonpost.com+1usfblogs.usfca.edu+1
- LiveScience: fastest day explained people.com+3Popular Mechanics+3TIME+3
- The Guardian: वैज्ञानिक दृष्टिकोण The Guardian
- Wikipedia: पृथ्वी की रोटेशन और लीप सेकंड जानकारी
- Science Focus: दिन की लम्बाई में अस्थिरता sciencefocus.com
- Popular Mechanics: आंतरिक प्रक्रियाओं का योगदान
- CBS News: नेगेटिव लीप सेकंड संभावनाएँ
- SF Chronicle (Climate impact) sfchronicle.com
- Wikipedia+7TIME+7Popular Mechanics+7
- The Guardian+3TIME+3Popular Mechanics+3
- AP News+1TIME+1
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