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Agriculture खेती–Natural फार्मिंग

Agriculture–Natural फार्मिंग की ओर बढ़ता रुझान, सस्टेनेबल खेती

Agriculture –Natural फार्मिंग  केवल भोजन उत्पादन का माध्यम नहीं, बल्कि पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित रखने वाला स्तंभ है। बदलते वैश्विक परिदृश्य में अब पारंपरिक से लेकर नेचुरल Natural फार्मिंग, ऑर्गेनिक और सस्टेनेबल खेती के मॉडल तक विविध रूपों में खेती को अपनाया जा रहा है। यह लेख वैश्विक खेती के प्रकार, देशों की भूमिका, नेचुरल Natural और ऑर्गेनिक फार्मिंग के फायदे, और सतत खेती के महत्त्व पर केंद्रित है।

Agriculture –Natural फार्मिंग की वैश्विक महत्ता

खेती Agriculture सदियों से मानव सभ्यता की रीढ़ रही है। आज, जलवायु परिवर्तन, खाद्य संकट और रासायनिक प्रदूषण ने हमें खेती के नए विकल्पों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है। दुनिया भर में खेती की विविध प्रणालियाँ अपनाई जा रही हैं, जिनमें नेचुरल Natural फार्मिंग, ऑर्गेनिक खेती, और सस्टेनेबल एग्रीकल्चर प्रमुख हैं।

नेचुरल Natural फार्मिंग क्या है?

नेचुरल Natural फार्मिंग एक ऐसी खेती पद्धति है जिसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरक या कीटनाशक का प्रयोग नहीं होता। इसमें गाय का गोबर, गौमूत्र, जीवामृत, घनजीवामृत और अन्य जैविक तत्वों से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाई जाती है।

Agriculture – Natural फार्मिंग के प्रमुख सिद्धांत

  1. जीवामृत (Jeevamrit): गाय के गोबर, गौमूत्र, गुड़ और बेसन से तैयार जैविक घोल, जो मिट्टी में सूक्ष्मजीवों को सक्रिय करता है।
  2. बीजामृत (Beejamrit): बीज को सुरक्षित और शक्तिशाली बनाने के लिए जैविक घोल में भिगोना।
  3. अच्‍छादन (Mulching): मिट्टी को ढँककर उसकी नमी और जीवंतता को बनाए रखना।
  4. वापस प्राकृतिक चक्र में लौटना: रसायनों से मुक्त होकर प्रकृति के चक्रों को पुनः सक्रिय करना।

Natural फार्मिंग के लाभ

1. मिट्टी की सेहत में सुधार

Natural फार्मिंग मिट्टी की जैविक संरचना को बनाए रखती है और उसमें सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को बढ़ाती है।

2. लागत में भारी कमी

किसानों को रासायनिक खाद या कीटनाशक खरीदने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे खेती की लागत लगभग शून्य हो जाती है।

3. जल संरक्षण में मददगार

मल्चिंग और जैविक विधियाँ मिट्टी की नमी को बनाए रखती हैं, जिससे सिंचाई की आवश्यकता घटती है।

4. पर्यावरण संरक्षण

इस पद्धति में कोई भी ऐसा तत्व नहीं होता जो प्रदूषण फैलाए या जलवायु परिवर्तन को बढ़ाए।

5. स्वास्थ्यवर्धक उपज

इसमें उत्पादित फल, सब्जियाँ और अनाज पोषणयुक्त और रसायन मुक्त होते हैं।

भारत में Natural फार्मिंग का प्रचलन

भारत में आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड जैसे राज्यों में Natural फार्मिंग को सरकारी समर्थन मिल रहा है। “आंध्र प्रदेश कम्युनिटी मैनेज्ड नेचुरल फार्मिंग (APCNF)” एक प्रमुख मॉडल बन चुका है जिसे कई देशों ने भी सराहा है।

Natural फार्मिंग बनाम ऑर्गेनिक खेती

बिंदुNatural फार्मिंगऑर्गेनिक खेती
इनपुटशून्य बजट, स्थानीय सामग्रीजैविक लेकिन अक्सर खरीदी हुई सामग्री
लागतबहुत कममध्यम से अधिक
प्रक्रियाप्रकृति आधारितनियंत्रित जैविक विधियाँ
उत्पादनस्थायी, समय के साथ स्थिरअधिक लेकिन कभी-कभी महंगा

विश्व में Natural फार्मिंग की स्थिति

हालांकि Natural फार्मिंग भारत से उत्पन्न विचारधारा है, परंतु अब भूटान, केन्या, मैक्सिको, और फिलीपींस जैसे देश भी इस ओर ध्यान दे रहे हैं। भूटान तो पूरी तरह जैविक कृषि की ओर बढ़ने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

Natural फार्मिंग से जुड़े प्रमुख आंकड़े

2024 तक 80 लाख हेक्टेयर भूमि पर अपनाई जा चुकी है Natural फार्मिंग आंध्र प्रदेश में ।

60-80% की कमी देखी गई है खेती की लागत में ।

खेत की मिट्टी की गुणवत्ता में 35% तक सुधार हुआ है

भविष्य की दिशा: क्यों जरूरी है Natural फार्मिंग

जलवायु परिवर्तन, जल संकट, किसानों की आत्महत्या, मिट्टी की गिरती गुणवत्ता – इन सभी समस्याओं का हल Natural फार्मिंग बन सकती है। यह न केवल आर्थिक रूप से किसानों को सशक्त बनाती है बल्कि पर्यावरण के लिए भी वरदान सिद्ध होती है।

प्रमुख विशेषताएँ:

रासायनिक मुक्त प्रक्रिया

देसी बीजों का प्रयोग

जैविक खाद, जैविक कीटनाशकों का प्रयोग

मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता का संरक्षण

नेचुरल Natural फार्मिंग के फायदे

1.           मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार

2.           पानी की कम खपत

3.           स्वस्थ फसलें और पोषण से भरपूर अनाज

4.           कृषि लागत में कमी 5.           पर्यावरण संरक्षण और कार्बन फुटप्रिंट में कमी

कौन से देश नेचुरल Natural या ऑर्गेनिक खेती में आगे हैं?

1. भारत (India)

भारत में आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, और महाराष्ट्र में ज़ीरो बजट नेचुरल फार्मिंग (ZBNF) को व्यापक रूप से अपनाया जा रहा है।

2. भूटान (Bhutan)

भूटान दुनिया का पहला देश है जिसने 100% ऑर्गेनिक खेती की ओर नीतिगत प्रयास किए हैं।

3. स्विट्जरलैंड (Switzerland)

यह देश टिकाऊ और ऑर्गेनिक खेती के लिए उच्च तकनीकी उपायों को अपनाता है।

4. जर्मनी, डेनमार्क और स्वीडन

ये देश पर्यावरण के अनुकूल खेती को बढ़ावा देते हैं और जैविक उत्पादों के बड़े निर्यातक हैं।

कौन से देश पारंपरिक/पुरातन खेती करते हैं?

1. अफ्रीकी देश

अफ्रीका के कई हिस्सों में आज भी पारंपरिक खेती की जाती है जिसमें वर्षा आधारित सिंचाई, देसी बीज, और पशुओं की सहायता से खेती होती है।

2. नेपाल और बांग्लादेश

इन देशों में छोटे खेतों पर पारंपरिक उपकरणों से कृषि कार्य आज भी आम है।

ऑर्गेनिक खेती क्या है?

वह प्रणाली है ऑर्गेनिक फार्मिंग जिसमें रासायनिक खाद और कीटनाशक के बजाय प्राकृतिक खाद, खाद्य श्रृंखला संतुलन और जैविक घटकों का उपयोग किया जाता है।

ऑर्गेनिक खेती के लाभ:

उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद

भूमि की दीर्घकालिक उर्वरता

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मजबूत संरक्षण

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर (Sustainable Agriculture) क्या है?

सतत कृषि का अर्थ है ऐसी कृषि प्रणाली जो पर्यावरण की रक्षा करते हुए, आर्थिक रूप से व्यावहारिक और सामाजिक रूप से लाभदायक हो।

इसके तत्व:

संसाधनों का कुशल उपयोग

जैव विविधता का संरक्षण

दीर्घकालिक उत्पादन क्षमता

किसानों की आजीविका का स्थायित्व

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के फायदे:

जलवायु संकट का समाधान

भविष्य की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित

भूमि और जल संसाधनों का संरक्षण

समाज और किसान समुदाय को लाभ

खेती Agriculture में तकनीकी विकास

दुनिया भर में खेती Agriculture अब तकनीक के सहारे हो रही है:

ड्रोन और सैटेलाइट आधारित कृषि निगरानी

मिट्टी जांच और जल प्रबंधन तकनीक

स्मार्ट सिंचाई प्रणालियाँ

जैविक तकनीक आधारित कीटनाशक

भारत में खेती Agriculture की चुनौतियाँ

जल संकट और मानसून पर निर्भरता

किसानों की आर्थिक स्थिति

भूमि का क्षरण और उर्वरता में कमी

रासायनिक खेती से होने वाला प्रदूषण

निष्कर्ष (Conclusion)

खेती Agriculture का भविष्य अब केवल उत्पादन नहीं, बल्कि सतत जीवनशैली, पर्यावरण संरक्षण, और स्वस्थ समाज के निर्माण से जुड़ा हुआ है। नेचुरल Natural फार्मिंग, ऑर्गेनिक और सस्टेनेबल एग्रीकल्चर जैसे विकल्प आने वाले युग की आवश्यकता हैं। विश्व स्तर पर नीति निर्धारकों, किसानों और उपभोक्ताओं को मिलकर इस परिवर्तन को मजबूती देनी होगी।

FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1: क्या नेचुरल Natural फार्मिंग और ऑर्गेनिक फार्मिंग में अंतर है?

उत्तर: हाँ, नेचुरल Natural फार्मिंग में ज़ीरो इनपुट लागत पर आधारित खेती होती है जबकि ऑर्गेनिक फार्मिंग में भी बाहरी जैविक इनपुट खरीदे जा सकते हैं।

Q2: सस्टेनेबल एग्रीकल्चर का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए खाद्य उत्पादन और किसानों की आजीविका को सुरक्षित रखना।

Q3: क्या नेचुरल खेती से उत्पादन कम होता है?

उत्तर: शुरुआत में उत्पादन में गिरावट हो सकती है, लेकिन लंबे समय में यह स्थिर और गुणवत्ता युक्त होता है।

Q4: भारत में कौन-कौन सी राज्य सरकारें नेचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित कर रही हैं?

उत्तर: आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात।

स्रोत / References:

  1. FAO – Food and Agriculture Organization Reports
  2. Ministry of Agriculture, Government of India
  3. Natural Farming by Subhash Palekar
  4. The Organic Farming Research Foundation
  5. United Nations Sustainable Agriculture Reports
  6. Subhash Palekar Natural Farming Website – http://www.spnf.org
  7. नीति आयोग रिपोर्ट – Sustainable Agriculture in India (2023)
  8. FAO – The Future of Sustainable Farming (2022)
  9. Andhra Pradesh CMNF Program Data 2024
  10. Ministry of Agriculture and Farmers Welfare, India
  11. UN Environment Program on Agroecology (2023)
  12. (सोर्स: NITI Aayog रिपोर्ट)।

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