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Jammu and Kashmir Cloudburst- Prakriti Darshan Nature and Environment Magazine

Jammu and Kashmir Cloudburst- बढ़ते क्लाउडबर्स्ट: जलवायु परिवर्तन का खतरा या प्राकृतिक चेतावनी ?

Prakriti Darshan | Nature & Environment News | 13 July 2025

पिछले वर्षों में, जम्मू–कश्मीर में तापमान और असामान्य मौसम की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। क्या अब यहाँ मौसम अनिश्चित हो गया है? जानकारों का मानना है कि हिमालय की पारिस्थितिकी पर असर हुआ है, इसके पीछे क्लाइमेट चेंज भी एक महत्वपूर्ण कारण है। “Jammu and Kashmir Cloudburst”

Jammu and Kashmir Cloudburst- Prakriti Darshan Nature and Environment Magazine

कितने क्लाउडबर्स्ट हुए? “Jammu and Kashmir Cloudburst”

2010–2022 के बीच लगभग 168 अत्यधिक मौसमीय घटनाएं, जिसमें क्लाउडबर्स्ट और फ्लैश बाढ़ शामिल हैं, रिकार्ड की गई हैं ।
2010 के बाद से, जैसे 2010 लेह बाढ़ में 255–600 की मौत, 2021 हुंजर किष्टवाड़ क्लाउडबर्स्ट में 26 मृतक, और 2022 अमरनाथ बाढ़ में 16 लोगों की जान गई।

 इन घटनाओं ने प्रकृति को कितना नुकसान पहुंचाया?

सड़कों, पुलों, ढांचागत सुविधाओं का व्यापक विनाश हुआ ।

पेड़ों, वनस्पति और मिट्टी की कटाव दर बढ़ी – स्थानीय पारिस्थितिकी को भारी झटका लगा ।

जैव विविधता पर इसका क्या प्रभाव पड़ा? “Jammu and Kashmir Cloudburst”

हिमालयी पारिस्थितिकी पर असर पड़ा है – ग्लेशियर पिघल रहे हैं, वनस्पति उच्च ऊंचाई की ओर शिफ्ट कर रही है, और आक्रामक (invasive) प्रजातियां बढ़ रही हैं ।
जैव विविधता संकटग्रस्त हो रही है, कई स्थानों पर पारिस्थितिक स्थिरता कमजोर हुई है।

 क्या यह जलवायु परिवर्तन का असर है?

वैज्ञानिक स्पष्ट हैं: हां, यह क्लाइमेट चेंज का नतीजा है।

हर डिग्री तापमान बढ़ने पर वातावरण में 7 % अधिक मॉइस्चर जुड़ जाता है, जिससे भारी बारिश की घटनाएँ अधिक होती हैं ।

ग्लोबल वार्मिंग से जलवाष्प बढ़ता है, जिससे घने क्यूम्युलोनिम्बस बादल बनते हैं और अचानक क्लाउडबर्स्ट होते हैं ।

वैज्ञानिक क्या कहते हैं?

डॉ. शक़ील अहमद रोमशू का कहना है कि जब गर्म और ठंडी हवा टकराती है, तो क्लाउडबर्स्ट तेजी से बनते हैं ।

एम.एस. शर्मा (पूर्व IMD मौसम विज्ञानी) बताते हैं कि वैश्विक तापमान वृद्धि से भारी बारिश की घटनाएँ बढ़ी हैं ।

 अभी स्थिति क्या है?

हाल ही में अप्रैल 2025 में रामबन में तेज क्लाउडबर्स्ट हुआ जिसमें सड़कों, रेलवे, औद्योगिक संरचनाओं को भारी क्षति पहुँची ।

मई 2025 में कर्णाह (कुपवाड़ा) हाइड्रो प्रोजेक्ट पर बारिश-स्तर से भारी तबाही हुई ।

दूसरी ओर, फरवरी 2025 में लम्बे सूखे के दौरान कई वसंत-स्रोत सूख गए, जिससे जल संकट गहराया ।

FAQs

  1. क्लाउडबर्स्ट क्या होता है?
    यह अचानक और तीव्र बारिश की घटना है—1 घंटे में 10 सेमी से अधिक वर्षा। Rising Kashmir+9Next IAS+9Greater Kashmir+9World Wildlife Fund Files+1Globalorder+1
  2. पिछले 20 वर्षों में कितने क्लाउडबर्स्ट हुए?
    168 से अधिक घटना—2010–2022 के बीच। PreventionWeb
  3. सबसे जानलेवा क्लाउडबर्स्ट कौन-कौन थे?
    2010 लेह बाढ़ (255–600 मौतें), 2021 हुंजर (26 जन), 2022 अमरनाथ (16)। Wikipedia
  4. प्राकृतिक नुकसान कैसे हुआ?
    मिट्टी कटाव, वनस्पति की हानि, पुल और सड़क बर्बाद। 
  5. क्या यह जलवायु परिवर्तन से जुड़ा है?
    हां—वातावरण गर्म होने से वातावरण में नमी बढ़ती है, जिससे क्लाउडबर्स्ट की आवृत्ति बढ़ती है। 
  6. वैज्ञानिक इस पर क्या कहते हैं?
    डॉ. रोमशू और अन्य विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन को मुख्य कारण मानते हैं। 
  7. जैव विविधता पर क्या असर पड़ा?
    ग्लेशियरों का पिघलना, जीव-जंतुओं का विस्थापन और नई प्रजातियों का पदार्पण। 
  8. अब हालिया स्थिति क्या है?
    अप्रैल—रामबन में तबाही, मई—कर्णाह में हादसा, फरवरी—सूखे की स्थिति। 
  9. स्थानीय लोग कितने प्रभावित हैं?
    सैकड़ों लोग विस्थापित हुए, खेती और मूलभूत सुविधाएँ बर्बाद हुईं। 

FAQs

  1. क्या सरकार उपाय कर रही है?
    राज्य और केंद्र सरकार जल-प्रबंधन तथा आपदा योजनाओं पर काम कर रहे हैं। 
  2. क्या भविष्य में स्थिति और खराब होगी?
    वैज्ञानिकों के अनुसार हां, यदि कार्बन उत्सर्जन नहीं घटे तो बेहतर नहीं होगा। 
  3. स्थानीय स्तर पर हम क्या कर सकते हैं?
    वनों की कटाई रोकना, सतत जल प्रबंधन और आपदा चेतना बढ़ाना।
  4. क्या क्लाउडबर्स्ट की भविष्यवाणी संभव है?
    कुछ हद तक—IMD सतर्कता जारी रखता है, लेकिन पूरी जानकारी तुरंत नहीं मिल पाती। 
  5. क्या पर्यटन पर प्रभाव पड़ा है?
    हां, जल संकट और जलवायु प्रभावों से पर्यटन प्रभावित हुआ, जैसे गुलमर्ग में नेशनल विंटर गेम्स कैंसिल होना। arXiv+2NCDC+2arXiv+2
  6. क्या समाधान संभव है?
    हाँ—जल प्रबंधन, हरित अर्थव्यवस्था, नवीकरणीय ऊर्जा अपनाकर, और स्थानीय जागरूकता बढ़ाकर। sandrp.in

📚 संदर्भ सूची (References):

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SANDEEP KUMAR SHARMA,

EDITOR IN CHIEF,

PRAKRITI DARSHAN-NATURE AND ENVIRONMENT MAGAZINE www.prakritidarshan.com


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