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Ganga River- Prakriti Darshan Nature and Environment Magazine

Ganga River: 18 जलीय प्रजातियाँ संकट में, 5 प्रजातियाँ पाई जाती हैं केवल गंगा नदी में

Prakriti Darshan | Nature & Environment News | 12 July 2025

वर्तमान में गंगा नदी की जैव विविधता की क्या स्थिति है?

भारत की जीवनदायिनी गंगा नदी केवल एक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक नहीं है, बल्कि यह 5000 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैली एक समृद्ध पारिस्थितिक प्रणाली भी है। “Ganga River”

Ganga River- Prakriti Darshan Nature and Environment Magazine
Ganga River- Prakriti Darshan Nature and Environment Magazine

पर्यावरण मंत्रालय और WWF इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार:

गंगा में 70 से अधिक प्रमुख जलीय प्रजातियाँ मौजूद हैं।

इनमें से 18 प्रजातियाँ संकटग्रस्त (endangered) मानी जा रही हैं।

5 प्रजातियाँ ऐसी हैं जो केवल गंगा नदी में ही पाई जाती हैं (endemic species)।

गंगा में कौन-कौन से जलीय जीव संकट में हैं? “Ganga River”

प्रजाति का नामस्थितिमुख्य खतरे
गंगेटिक डॉल्फिनसंकटग्रस्त (IUCN Red List)बांध, जल प्रदूषण, अवैध शिकार
घड़ियाल (Gharial)अत्यंत संकटग्रस्तरेतीले तटों का क्षय, प्रवाह में कमी
नरम खोल वाला कछुआसंकटग्रस्तअवैध व्यापार, नदी का दोहन
गंगा महासीर (Tor putitora)संकट मेंअत्यधिक मछली पकड़ना, प्रदूषण
बुल शार्क और स्टिंगरेसंकट मेंआवास विघटन, जल स्तर में गिरावट

कौन से जलीय जीव केवल गंगा में ही पाए जाते हैं? “Ganga River”

गंगा नदी में कुछ प्रजातियाँ हैं जो दुनिया में और कहीं नहीं मिलतीं:

  1. गंगेटिक डॉल्फिन (Platanista gangetica)
  2. घड़ियाल (Gavialis gangeticus)
  3. गंगा महासीर मछली (Tor putitora)
  4. गंगा पाइपफिश (Microphis deocata)
  5. ग्लासी बबल स्नेल (Instantia gangetica)

ये प्रजातियाँ गंगा की पहचान और पारिस्थितिकी की स्थिति को दर्शाती हैं।

गंगा में जलजीवों की संख्या में गिरावट क्यों आ रही है? “Ganga River”

  • जल प्रदूषण (उद्योगों और घरेलू कचरे से)
  • बांध और बैराजों का निर्माण जिससे प्रवाह बाधित होता है
  • रेतीले तटों का कटाव – घड़ियाल जैसे जीवों के प्रजनन क्षेत्र नष्ट हो रहे हैं
  • अवैध मछली पकड़ना और शिकार
  • प्लास्टिक प्रदूषण और औद्योगिक रसायन

 गंगा के जलजीवों का संरक्षण में क्या योगदान है?

  • डॉल्फिन और घड़ियाल जैव संकेतक (Bio-indicator) हैं – इनकी उपस्थिति नदी की स्वच्छता दर्शाती है।
  • ये जलीय पारिस्थितिकी तंत्र की खाद्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • परागण, जल शुद्धिकरण और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।

 गंगा की वर्तमान स्थिति – कुछ तथ्य

  • गंगेटिक डॉल्फिन की संख्या: लगभग 4,000 – 5,000 (2024)
  • (उत्तराखंड से बिहार तक) (घड़ियाल की संख्या: लगभग 200 – 250 )
  • घटती जैव विविधता: 5 वर्षों में मैक्रोइनवर्टिब्रेट इंडेक्स में 25% की गिरावट
  • Dissolved Oxygen (DO) स्तर कई स्थानों पर 5 mg/L से कम, जो जलजीवों के लिए संकटपूर्ण है।

 (FAQs)

  1. गंगा में सबसे संकटग्रस्त जीव कौन है?
    गंगेटिक डॉल्फिन और घड़ियाल सबसे संकटग्रस्त प्रजातियाँ हैं।
  2. क्या गंगेटिक डॉल्फिन केवल गंगा में मिलती है?
    हाँ, यह गंगा, ब्रह्मपुत्र और कुछ सहायक नदियों तक सीमित है।
  3. गंगा नदी में कितनी मछली प्रजातियाँ पाई जाती हैं?
    लगभग 140 से अधिक प्रजातियाँ, जिनमें कई स्थानीय प्रजातियाँ हैं।
  4. घड़ियाल का मुख्य आवास कहाँ है?
    चंपारन (बिहार), बरेली, हरिद्वार से लेकर चिल्का झील तक।
  5. क्या गंगा की स्थिति सुधर रही है?
    नमामि गंगे योजना के तहत प्रयास हो रहे हैं, लेकिन कई स्थानों पर प्रदूषण अभी भी अधिक है।
  6. गंगा महासीर मछली क्यों विशेष है?
    यह प्रवासी मछली है जो स्वच्छ जल और प्रवाह पर निर्भर करती है।
  7. क्या गंगा में शार्क मिलती है?
    हाँ, बुल शार्क जैसी कुछ प्रजातियाँ नदी के कुछ हिस्सों में पाई जाती हैं।
  8. गंगा नदी में कौन से कछुए पाए जाते हैं?
    नरम खोल वाला भारतीय कछुआ (Indian Softshell Turtle) प्रमुख है।
  9. मैक्रोइनवर्टिब्रेट क्या होते हैं?
    जल में रहने वाले छोटे जीव जैसे कीट larvae जो पानी की गुणवत्ता दर्शाते हैं।

(FAQs)

  1. डॉल्फिन संरक्षण के लिए सरकार क्या कर रही है?
    “गंगा डॉल्फिन परियोजना” और संरक्षण रिज़र्व घोषित किए गए हैं।
  2. रेत खनन का क्या प्रभाव पड़ता है?
    घड़ियाल और डॉल्फिन के प्रजनन और आवास पर नकारात्मक असर डालता है।
  3. गंगा का पानी क्यों प्रदूषित होता है?
    सीवेज, रासायनिक अपशिष्ट और नदियों के आसपास की कृषि गतिविधियों से।
  4. क्या गंगा नदी में प्रवासी पक्षी आते हैं?
    हाँ, जैसे कि साइबेरियन सारस और ब्रह्मिणी डक, लेकिन उनकी संख्या घट रही है।
  5. क्या आम लोग भी संरक्षण में मदद कर सकते हैं?
    हाँ, प्लास्टिक का उपयोग कम करके, जागरूकता फैलाकर और स्थानीय प्रयासों में भाग लेकर।
  6. गंगा में कौन-से क्षेत्र सबसे अधिक संवेदनशील हैं?
    वाराणसी, कानपुर, पटना और फरक्का क्षेत्र जहाँ प्रदूषण और जैव विविधता दोनों चुनौती में हैं।

📚 संदर्भ सूची (References)

  1. WWF-India: Ganga River Basin Biodiversity Report
  2. MoEF&CC India – 2024-25 Jal Jeev Data
  3. National Mission for Clean Ganga (Namami Gange) Reports
  4. IUCN Red List (Gharial, Dolphin)
  5. DownToEarth.org – Biodiversity in Indian Rivers
  6. CPCB – Ganga Water Quality Reports
  7. Wildlife Institute of India – Dolphin Census 2024

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