Description
केवल देखिए और मंथन कीजिए
इस अंक में संपादकीय में कोई शब्द नहीं…केवल देखिए और मंथन कीजिए कि यदि सारे गांव एक दिन शहर हो जाएंगे तब क्या होगा…? एक तस्वीर काफी है भविष्य को समझाने के लिए… मंथन कीजिए। इस गहरे मायनों वाली तस्वीर के लिए वरिष्ठ फोटोग्राफर साथी बंशीलाल परमार जी, सुवासरा, मंदसौर, मप्र को खूब बधाई और शुभकामनाएं…।
संदीप कुमार शर्मा,
संपादक, प्रकृति दर्शन, राष्ट्रीय मासिक पत्रिका
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