Become a Member & enjoy upto 50% off
Enjoy Free downloads on all over the world
Welcome to Prakriti Darshan
Nature Lover - Subscribe to our newsletter
Donate for greener & cleaner earth
Welcome to Prakriti Darshan
Join our Community
Previous
अब कौन ठौर ठहरे जिंदगी

SEPTEMBER 2020 अब कौन ठौर ठहरे जिंदगी

Original price was: ₹25.00.Current price is: ₹24.00.
Next

NOVEMBER 2020 हमारे जलपुरुष

Original price was: ₹25.00.Current price is: ₹24.00.
हमारे जलपुरुष

OCTOBER 2020 किसकी दुनिया, कौन बेहतर

Original price was: ₹25.00.Current price is: ₹24.00.

अगर वर्तमान संकट को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो कई प्रजातियाँ विलुप्त हो सकती हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो जाएगा। हमें सामूहिक प्रयासों से वन्य जीवों का संरक्षण करना होगा ताकि जैव विविधता बनी रहे।

Add to Wishlist
Add to Wishlist

Description

 

वन्य जीव पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन आधुनिक समय में जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, अवैध शिकार और औद्योगीकरण के कारण उनकी स्थिति अत्यधिक संकटग्रस्त हो गई है। कई प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं, जबकि अनेक अन्य विलुप्ति के कगार पर हैं।

1. वैश्विक स्तर पर वन्य जीवों की स्थिति
वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) और इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले 50 वर्षों में वन्यजीवों की आबादी में 69% की गिरावट आई है।

IUCN रेड लिस्ट – इस सूची में 42,100 से अधिक प्रजातियाँ संकटग्रस्त मानी गई हैं, जिनमें से 9,000 से अधिक विलुप्त होने के करीब हैं।

स्तनधारी जीव – बाघ, गैंडा, हाथी और गोरिल्ला जैसी प्रजातियाँ अवैध शिकार और प्राकृतिक आवास की हानि के कारण संकट में हैं।

समुद्री जीव – प्रवाल भित्तियों (Coral Reefs) के नष्ट होने से समुद्री जीवन पर खतरा बढ़ा है, जिससे समुद्री कछुए और कई मछलियाँ प्रभावित हुई हैं।

पक्षियों की स्थिति – पक्षियों की 1,400 से अधिक प्रजातियाँ खतरे में हैं, जिनमें गिद्ध, तोता और प्रवासी पक्षी शामिल हैं।

2. वन्य जीवों के संकट के कारण
जलवायु परिवर्तन – बढ़ते तापमान और अनियमित मौसम के कारण कई प्रजातियों के प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहे हैं।

वनों की कटाई – शहरीकरण और कृषि विस्तार के कारण जंगलों का क्षेत्रफल तेजी से घट रहा है।

प्रदूषण – प्लास्टिक और रसायनों के कारण जल और वायु प्रदूषण वन्य जीवों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।

3. संरक्षण के प्रयास और समाधान
संरक्षित क्षेत्र – राष्ट्रीय उद्यान और बायोस्फीयर रिजर्व बनाए जा रहे हैं, जैसे भारत में काजीरंगा और सुंदरबन।

वन पुनर्वास – वनों की पुनर्स्थापना और वृक्षारोपण कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

सख्त कानून – वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट और CITES जैसे अंतरराष्ट्रीय समझौते वन्य जीवों की सुरक्षा में सहायक हैं।

अगर वर्तमान संकट को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो कई प्रजातियाँ विलुप्त हो सकती हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो जाएगा। हमें सामूहिक प्रयासों से वन्य जीवों का संरक्षण करना होगा ताकि जैव विविधता बनी रहे। ( विवरण गूगल से मिली जानकारी के अनुसार)

 

BALA DATT SHARMA

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “OCTOBER 2020 किसकी दुनिया, कौन बेहतर”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping cart

0
image/svg+xml

No products in the cart.

Continue Shopping