Intensification of landslides in mountainous parts. Landslides added to the problems in Himachal. Stones are falling on the road. The situation in the country is worrisome due to floods, after Maharashtra and Madhya Pradesh, now in Uttar Pradesh also on high alert in some parts Parts of NCR including Delhi are in trouble due to humidity, waiting for rain Patrika Prakriti Darshan and Gopal Dutt Shikshan Samiti, NGO's joint plantation campaign 'Hari Ho Vasundhara' is being run with public participation, Neem, Peepal, Amla saplings are being planted.----------------------
अरब बच्चों पर जलवायु परिवर्तन का गंभीर खतरा यूनिसेफ की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के 1 अरब बच्चे जलवायु परिवर्तन के गंभीर खतरे का सामना कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि एशियाई देशों में भारत भी उस खतरे में शामिल है... आलेख को पूरा पढ़ने के लिए प्रकृति दर्शन का ऐप डाउनलोड कीजिए...। जलवायु परिवर्तन की दस्तक सुनिये अभी कुछ दिन पूर्व अगस्त में ही किन्नौर में अचानक आये ज़बरदस्त भूस्खलन ने एक पूरी बस को उसके सभी यात्रियों समेत निगल लिया। पूरे पर्वतीय क्षेत्र रोज़ाना ऐसे ही भूस्खलनों को झेल रहे हैं। अतिवृष्टि के कारण इस समय लगभग आधा देश डूब रहा है, लेकिन कुछ दिनों के बाद बारिश ग़ायब हो जाएगी और तब सूखे की त्राहि-त्राहि मचेगी। उसके तुरन्त बाद लगभग पूरे उत्तर भारत को ज़हरीला कुहरा और धुंध ढांक लेगा जिसमें सांस लेना भी दूभर हो जाएगा...आलेख को पूरा पढ़ने के लिए प्रकृति दर्शन का ऐप डाउनलोड कीजिए...। नेट जीरो कार्बन लक्ष्य नेट ज़ीरो यानी कार्बन तटस्थता राज्य, वह है जिसमें किसी देश के उत्सर्जन की खपत वातावरण से ग्रीनहाउस गैसों के अवशोषण और निष्कासन से होती है। इसका मतलब यह नहीं है कि कोई देश अपने उत्सर्जन को शून्य पर लाएगा। यह ग्रॉस ज़ीरो होगा, जिसका अर्थ है कि ऐसे राज्य में पहुँचाना जहाँ बिल्कुल भी उत्सर्जन न हो अर्थात् एक ऐसा परिदृश्य जिसे सुलझाना मुश्किल है......आलेख को पूरा पढ़ने के लिए प्रकृति दर्शन का ऐप डाउनलोड कीजिए...। दुश्वार पहाड़ की जिंदगानी उत्तराखंड और हिमाचल जैसे राज्यों में कुदरती आपदाओं में हाल के वर्षों में काफी इजाफा हुआ है। मौसम की अतिवादिता कहकर इतनी आसानी से इसे नहीं समझा जा सकता है। यह समस्या कई गुंफित पहलुओं को समेटे हुए है। सबसे पहले तो हमें हिमालय के बारे में जानना होगा......आलेख को पूरा पढ़ने के लिए प्रकृति दर्शन का ऐप डाउनलोड कीजिए...। पेड़ों में हो रहा है बेमौसम फलन वर्तमान में प्रकृति के शांत व सौम्य स्वभाव में परिवर्तन स्पष्ट दृष्टिगोचर हो रहा है, तापमान में हो रही वृद्धि हमारी वसुन्धरा के अलग-अलग भागों में अपना प्रभाव दिखा रही है, रूठता हुआ मानसून, बेचेनी से भरे हुये चक्रवात, अतिवृष्टि एवं अनियमित व अनियंत्रित तूफानों ने अपनी सत्ता को स्थापित करने के प्रयासों को आरम्भ कर दिया है......आलेख को पूरा पढ़ने के लिए प्रकृति दर्शन का ऐप डाउनलोड कीजिए...। पर्वतीय हिस्सों में भूस्खलन में तेजी...। हिमाचल में भूस्खलन से मुश्किलें बढ़ीं। रोड पर गिर रहे हैं पत्थर। बाढ़ से देशभर में हालात चिंताजनक, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के बाद अब उत्तरप्रदेश में भी कुछ हिस्सों में हाईअलर्ट दिल्ली सहित एनसीआर के कुछ हिस्सों में उमस से हाल-बेहाल, बारिश का इंतजार पत्रिका प्रकृति दर्शन और गोपालदत्त शिक्षण समिति, एनजीओ का जनभागीदारी से चलाया जा रहा संयुक्त पौधारोपण अभियान ‘हरी हो वसुंधरा’ जारी है, नीम, पीपल, आंवला के पौधे रोपे जा रहे हैं।
मौसम चक्र अब पहले जैसा नहीं रहा, कहीं सूखा ही रह जाता है बारिश के मौसम में भी। यह गहन चिंता का सबब है, सोचियेगा ये हालात नहीं सुधरे तब क्या होगा...?
बारिश होती नहीं और जब होती है तब शहर में पानी भर जाना अब आम समस्या हो गई है, बारिश के साथ मुश्किलों का दौर भी लंबा चलता है। फोटोग्राफ- अखिल हार्डिया, इंदौर, मप्र
बाढ़ अब देश के कुछ हिस्सों के लिए स्थायी परेशानी बनती जा रही है, बाढ़ से जनजीवन हर बार मुश्किल हो जाता है, सोचियेगा यह सब कैसे हो गया और कैसे बदलेगा। फोटोग्राफ- सूरज पाल, खरगोन, मप